नरसिंहपुर। जिला मुख्यालय स्थित एक पराडकर नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर पराग और डॉ. प्रांजल पराडकर पर हत्या के प्रयास का मुकदमा कायम करने की मांग ने सनसनी फैला दी है। गुरुवार को एक मृतक मरीज के बेटों ने इस सिलसिले में लिखित शिकायत एसपी और कलेक्टर को सौंपी है। इसमें उनका आरोप है कि इन्होंने इलाज में लापरवाही बरती। आयुष्मान योजना का कार्ड होने के बावजूद उनसे 17 हजार रुपये जमा कराए और 45 हजार रुपये का विभिन्न् सामान बाजार से खरीदवाया।
गुरुवार को एसपी विपुल श्रीवास्तव को मृतक के पुत्र रामकेश प्रजापति और भरत प्रजापति ने बताया कि बीती 16 मई को उन्होंने पिता गोपाल और माता भागवती को इलाज के लिए जिला मुख्यालय के खैरीनाका स्थित पराडकर नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। इस दौरान उनसे 2 हजार रुपये तत्काल और दूसरे दिन 15 हजार रुपये के साथ अस्पताल प्रबंधन ने आयुष्मान योजना का कार्ड भी जमा कराया। शिकायत में बताया गया कि आयुष्मान योजना का कार्ड जमा करने ही चिकित्सकों ने इलाज में कोताही बरतना शुरू कर दिया। कार्ड होने के बावजूद मरीज के लिए ऑक्सीजन लाने, दवाएं खरीदने, फ्लोमीटर बाजार से लाने के लिए कहा गया। शिकायतकर्ताओं का कहना था कि उन्होंने तत्काल अपने पैसे से ये सारी चीजें मंगवाकर अस्पताल प्रबंधन को दी। इसमें उनका 45 हजार रुपये अलग से खर्च हुआ। इतना ही नहीं मरीज के स्वजनों ने समाजसेवी राकेश जैन के यहां से 18 जंबो आक्सीजन सिलिंडर भी अस्पताल प्रबंधन को दिए ताकि उनके माता-पिता का इलाज हो सके। पीड़ितों का कहना है कि इस बात की शिकायत उन्होंने अस्पताल में निरीक्षण पर आए जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश जैन से तत्काल की थी। जिसके बाद उन्होंने ये आश्वासन दिया गया था कि अब बाहर से आक्सीजन सिलिंडर लाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। ये सब होने पर अस्पताल प्रबंधन ने छोटे ऑक्सीजन सिलिंडर उनके पिता को उपलब्ध जरूर कराए लेकिन उन्हें लगवाने में वे अनियमितता बरतते रहे। रामकेश प्रजापति के अनुसार सिलिंडर बदलवाने के लिए उन्हें 20-20 मिनट तक भटकाया गया। इसके चलते मरीज की हालत निरंतर बिगड़ती रही। आखिरकार उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई। शिकायतकर्ताओं की मांग है कि पराडकर नर्सिंग होम के संचालक डॉ. पराग पराडकर और डॉ. प्रांजल पराडकर के खिलाफ उनके पिता की हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाए। शिकायत में ये भी कहा गया है कि उनकी मां अभी भी पराडकर हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इस शिकायत के बाद मां की जान को खतरा है। यदि मां के इलाज में कोई अनियमितता बरती जाती है और कोई अनहोनी घटना होती है तो उसके लिए पराडकर अस्पताल प्रबंधन समेत डॉ. पराग-प्रांजल पराडकर जिम्मेदार होंगे।
सीएमएचओ जारी कर चुके हैं नोटिस, कार्रवाई का इंतजार
आयुष्मान योजना के मरीजों को भर्ती करने में पराडकर नर्सिंग होम पूरे कोविड-19 के काल में विवादास्पद रहा है। अप्रेल-मई माह में तो प्रबंधन ने जिला प्रशासन से एग्रीमेंट करने के बावजूद आयुष्मान योजना के मरीजों को इलाज देने में कोताही बरती थी। इस संबंध में शिकायत मिलने पर सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन ने कलेक्टर वेदप्रकाश के निर्देश पर अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। इस मामले में बताया जा रहा है कि प्रबंधन ने जवाब दे दिया है, हालांकि कार्रवाई को लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मामले के जांच में होने की बात जरूर कर रहे हैं।
इनका ये है कहनाखैरीनाका स्थित पराडकर नर्सिंग होम के संचालक डॉ. पराग और डॉ. प्रांजल सीधे-सीधे मेरे पिता की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने उनके इलाज में लापरवाही बरती है। आयुष्मान योजना का कार्ड होने के बावजूद उन्होंने हमसे रुपये जमा कराए। कई सामानों-दवाओं को खरीदवाया। मैंने गुरुवार को पुलिस अधीक्षक से शिकायत की है। दोनों चिकित्सकों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा कायम करने की मांग की गई है। इसके पहले भी हमने सीएमएचओ से शिकायत की थी।रामकेश प्रजापति, शिकायतकर्ता—————-हमारे अस्पताल में भर्ती मरीज गोपाल प्रजापति के इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। उनकी हालत गंभीर होने पर हमने उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया था। उनकी पत्नी भागवती हमारे यहां अभी भर्ती हैं जो पूरी तरह से स्वस्थ हैं। मरीज की मौत के संबंध में जो शिकायत की गई है, जो आरोप लगाए गए हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं।डॉ.पराग पराडकर संचालक, पराडकर नर्सिंग होम, खैरीनाका—————मृतक गोपाल प्रजापति के पुत्रों ने निजी अस्पताल के चिकित्सकों के विरुद्ध शिकायत सौंपी है। इसमें बताया गया है कि इलाज में लापरवाही की वजह से ही मरीज की जान गई है। इस मामले की हम निर्धारित प्रक्रिया के तहत जांच करा रहे हैं। जांच में जो भी तथ्य सामने आएगा, उसके आधार पर संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी।विपुल श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक, नरसिंहपुर।