जिला परिवहन अधिकारी जितेंद्र शर्मा के नेतृत्व में गुरुवार को पुलिसबल के साथ संयुक्त टीमों ने जिले के विभिन्न् रूटों पर दौड़ने वाली बसों को रोककर उनके परमिट, फिटनेस, रूट, सवारियों की संख्या, चालकों के लाइसेंस आदि की जांच की। राजमार्ग चौराहा से तेंदूखेड़ा की ओर पड़ताल के दौरान संयुक्त टीम को एक बस ऐसी मिली जिसका रोड टैक्स लंबे समय से जब्त नहीं हुआ था। ये बस भोपाल-बालाघाट रूट की थी। इसके अलावा चालक मांगे जाने पर तत्काल परमिट के कागज भी उपलब्ध नहीं करा सका। जिसके कारण परिवहन अधिकारी ने इस बस को जब्त कर इसे तेंदूखेड़ा थाना परिसर में खड़ा करवा। इसके अलावा कार्रवाई में पांच ऐसी बसें भी मिलीं जिसमें यात्रियों की सुरक्षा, चालक के पास लाइसेंस आदि न होना पाया गया। इन बसों पर जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की गई। विदित हो कि कोविडकाल के पहले तक जिले में संचालित होने वाली बसों की संख्या के मुकाबले वर्तमान में 50 फीसद बसें सड़कों से नदारद हैं। खासकर जिले के आंतरिक मार्गों पर सवारियां न मिलने के कारण ऑपरेटर्स ने परमिट नहीं लिया है। वहीं जो बसें संचालित हैं, उनमें भी अधिकांश अंतरजिला का सफर तय करती हैं। कई बसें तो ऐसी हैं जिनमें अभी भी सवारियों का अभाव देखा जा रहा है। सबसे अधिक भीड़ भोपाल-बालाघाट, सागर-नागपुर के रूट पर देखने को मिलती है। जिला परिवहन विभाग भी फिलहाल इन्हीं रूटों पर नजर रख रहा है। गुरुवार को भी सभी कार्रवाई इन्हीं रूटों पर हुई।