नई दिल्ली। भारतीय नौसेना 4 से 5 दिसंबर के बीच पूर्वी हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में रूसी फेडरेशन नेवी के साथ पैसेज अभ्यास (पासेक्स) कर रही है। इस अभ्यास में रूसी फेडरेशन नेवी की दिशानिर्देशित मिसाइल क्रूज़र वर्याग, बड़ा पनडुब्बी-रोधी जहाज एडमिरल पेंटेलेयेव और मध्यम दूरी का महासागरीय टैंकर पचेंगा भी हिस्सा ले रहा है। अभ्यास में भारतीय नौसेना की ओर से स्वदेश निर्मित दिशानिर्देशित मिसाइल युद्धपोत शिवालिक और पनडुब्बी-रोधी टोही युद्धपोत कदमत्त अपने अभिन्न हेलिकॉप्टरों के साथ हिस्सा ले रहा है।इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों मित्र देशों की नौसेनाओं के बीच पारस्परिकता बढ़ाना, तालमेल को बेहतर करना और बेहतरीन कार्यप्रणाली को अपनाना है। इस अभ्यास में पनडुब्बी-रोधी और सतह के उन्नत युद्ध अभ्यास, हथियारों से फायरिंग, नाविक कला का अभ्यास और हेलिकॉप्टर संचालन शामिल है।
पासेक्स का आयोजन नियमित रूप से भारतीय नौसेना द्वारा अपने मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ किया जाता है, जिसमें वह एक-दूसरे के बंदरगाहों पर जाते हैं या समुद्र में किसी निश्चित स्थान पर जाते हैं। इस अभ्यास का आयोजन पूर्वी हिंद महासागर क्षेत्र में किया जा रहा है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत दीर्घकालिक रणनीतिक संबंधों, विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में रक्षा सहयोग को दर्शाता है।
यह अभ्यास 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना के ‘नौसेना दिवस’ के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है जो दोनों मित्र सेनाओं के बीच साझा की जा रही मजबूत दोस्ती के बंधन को महत्व देता है। पासेक्स भारत-रूस रक्षा संबंधों की मजबूती की ओर बढ़ाया गया एक और कदम है। दोनों नौसेनाओं ने इंदिरा नेवी जैसे नियमित द्विवार्षिक अभ्यास के जरिए मजबूत संबंधों का निर्माण किया है। इंदिरा नेवी का पिछला संस्करण उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में 4 से 5 सितंबर को आयोजित किया गया था।