घरों में कैद लोगों ने बढ़ाई बिजली की खपत, रोज खर्च हो रही 50 लाख यूनिट बिजली
घरों में पावर न हो शटडाउन, इसलिए लाइनों पर 24 घंटे नजर रख रहे रहे वारियर्स
नरसिंहपुर।
लॉक डाउन ने कामकाजी, मेहनतकश और व्यापारी आदि सभी लोगों को घरों के अंदर कर दिया है, बाजार बंद हैं। घरों में मन लगाने के लिए बच्चे, युवा, बुजुर्ग आदि सभी परिवार के साथ या तो सुबह से शाम तक टेलीविजन देखने में मशगूल है तो कोई कम्प्यूटर, लैपटॉप आदि पर घंटों अपना समय बिता रहा है। गर्मी के चलते हर घर में कूलर-पंखे भी हर वक्त घूम रहे हैं। वहीं बिजली विभाग के कर्मचारी-अधिकारी छुट्टियां छोड़ अपने तय वक्त से अधिक सेवाएं देकर चौबीसों घंटे लाइनों पर नजर रखे हैं। सतत बिजली आपूर्ति गर्मी के इस मौसम में लोगों को घरों के अंदर रखने में मददगार साबित हो रही है।
नरसिंहपुर टाउन के जेई दीपक रघुवंशी के अनुसार लॉक डाउन के कारण जिले में बिजली की खपत आम दिनों की तुलना में 25 से 30 फीसदी तक बढ़ गई है। आम दिनों में जहाँ 40 लाख यूनिट बिजली की खपत रोज होती थी, वही अब बढ़कर करीब 50 यूनिट प्रतिदिन हो गई है। पावर हॉउसों पर 60 एम्पीयर का दवाब अधिक है। पहले 240 एम्पीयर बिजली की जरुरत पड़ती थी तो वहीं लॉक डाउन में करीब 300 एम्पीयर बिजली की आपूर्ति करनी पड़ रही है। ऐसे में विद्युत उपकरणों, लाइनों, ट्रांसफॉर्मर का रखरखाव करना बड़ी चुनौती बन गया है। लेकिन इससे महकमे का हर कर्मचारी बखूबी निपट रहा है। जिले में 1700 नियमित, संविदा, आउटसोर्स अधिकारी-कर्मचारी मुस्तैदी से तैनात हैं।
जिले में आपूर्ति का रोज फीडबैक ले रहे अधिकारी
लॉक डाउन अवधि में फाल्ट या अन्य कारण से बिजली आपूर्ति बाधित न हो इसके लिए अधीक्षण अभियंता संजय निगम और कार्यपालन यंत्री यूएस पाराशर सुबह से शाम तक मातहतों से फीडबैक ले रहे हैं। इसके अलावा आपात स्थितियों और लोगों की शिकायतों का त्वरित निराकरण के शहर में दो कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। ये कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे कार्यरत है।