नरसिंहपुर: जिस दिन से टूटी समितियों की हड़ताल, उसी दिन से पोर्टल बंद, पंजीयन के लिए भटक रहे किसान
नरसिंहपुर। सहकारी कर्मचारियों की हड़ताल जिन दिन टूटी उसी दिन से सर्वर की दिक्कत के चलते गेहूं उपार्जन के पंजीयन बंद हो गए हैं। पिछले चार दिन से किसान पंजीयन के लिए केंद्रों पर भटकने मजबूर हैं। हालांकि शुक्रवार को पंजीयन अवधी बढ़ाने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता सरंक्षण संचालनालय का आदेश आने से न केवल किसानों बल्कि अधिकारी-कर्मचारियों को भ्ाी राहत मिल गई है। जिले में अब तक महज 18 हजार किसानों के पंजीयन हो सके है। सर्वर की खराबी से परेशान कुछ दिनों से पंजीयन तिथि बढ़ाने की लगातार मांग कर रहे थे।
जिले में रबी विपणन मौसम 2021- 22 में समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना एवं मसूर उपार्जन के लिए किसान पंजीयन कार्य समिति स्तर पर पंजीयन केंद्रों के माध्यम से किया जा रहा है।
लेकिन सर्वर की खराबी के कारण किसानों के पंजीयन का कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। हालात यह है कि केंद्रों पर किसानों को घंटो लाइन में लगना पड़ता है लेकिन सर्वर जाम रहने से घंटो इंतजार के बाद भ्ाी किसानों को निराश होकर लौटना पड़ता है। कर्मचारियों का कहना है कि सुबह से 10 बजे तक एवं रात्रि को तो सर्वर ठीक से कार्य करता है लेकिन दोपहर के समय सर्वर ठप हो जाता है। जिससे पंजीयन कार्य समय पर नहीं हो पा रहा है। जिले के सभी केंद्रों पर पंजीयन कराने की आस में किसानों को अपने जरुरी खेतीहर कार्य छोड़कर इंतजार करने की नौबत बनी है। लेकिन अब पंजीयन का कार्य 25 फरवरी तक होने से किसानों को राहत रहेगी कि उन्हें कुछ दिन का समय और मिल जाएगा साथ ही आसानी से पंजीयन का कार्य होने की उम्मीद है। पिछले वर्ष जिले में करीब 35 हजार किसानों ने गेहूं विक्रय के लिए पंजीयन कराया था। लेकिन 25 जनवरी से जिले में शुरू हुए पंजीयन कार्य में अब तक लगभग 18 हजार किसानों के ही पंजीयन का कार्य हो सका है। जिससे अनुमान है कि अभी इतने ही और किसानों के पंजीयन का कार्य शेष है।
पंजीयन केंद्रों का होगा निरीक्षण
जिले में निर्धारित 82 गेहूं, चना एवं मसूर पंजीयन केंद्रों पर उपलब्ध व्यवस्थाओं के सत्यापन एवं पर्यवेक्षण के लिए केंद्रवार 82 नोडल अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। प्रत्येक पंजीयन केंद्र पर नोडल अधिकारी निरीक्षण के लिए अधिकृत कर दिए गए हैं। अधिकृत अधिकारियों को दायित्व दिया गया है कि वे पंजीयन अवधि तक प्रतिदिन उनको आवंटित पंजीयन केंद्र का सतत निरीक्षण किया जाए। साथ ही इसकी मॉनीटरिंग करें कि समिति द्वारा किसान पंजीयन के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं और शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य किया जा रहा है। सभी नोडल अधिकारी सहायक, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों के माध्यम से संबंधित एसडीएम को प्रतिदिन पंजीयन संबंधी जानकारी उपलब्ध कराएंगे। अनुविभाग स्तर पर पंजीयन केंद्र पर किसी प्रकार की विवादास्पद स्थिति बनने पर एसडीएम को निर्णय लेने कहा गया है।