प्रधानमंत्री ने कहा कि बिना ड्राइवर वाली मेट्रो रेल की उपलब्धि से हमारा देश दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जहाँ इस प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी ब्रेकिंग प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें ब्रेक लगाने पर 50 प्रतिशत ऊर्जा वापस ग्रिड में चली जाती है। आज दिल्ली मेट्रो में 130 मेगावाट सौर ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर 600 मेगावाट कर दिया जाएगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का यह आयोजन शहरी विकास को भविष्य के लिए तैयार करने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि देश को भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करना शासन की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने पहली बार मेट्रो नीति तैयार की है और उसे समग्र रणनीति के साथ लागू किया है। स्थानीय मांग के अनुसार काम करने, स्थानीय मानकों को बढ़ावा देने, मेक इन इंडिया का विस्तार करने और आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात पर ध्यान दिया गया है कि मेट्रो और यातायात के आधुनिक साधनों का विस्तार शहर के लोगों की जरूरतों और व्यवसायिक जीवन शैली के अनुसार किया जाना चाहिए। यही कारण है कि विभिन्न शहरों में विभिन्न प्रकार की मेट्रो रेल पर काम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मेट्रो केवल सार्वजनिक परिवहन का एक माध्यम मात्र ही नहीं है, बल्कि प्रदूषण को कम करने का एक बेहतर तरीका भी है। मेट्रो नेटवर्क के कारण सड़कों से हजारों वाहन कम हुए हैं, जो प्रदूषण और जाम का कारण बनते थे।