नरसिंहपुर। देश की संसद ने किसानों के व्यापक हित में क्रमशः कृषि व्यापार विपणन, कांटेक्ट फार्मिंग और अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम पारित किए हैं। जो लोग या संगठन इनका विरोध कर रहे हैं वे दरअसल किसान विरोधी मानसिकता से ग्रसित हैं।
ये बात सोमवार को जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी ने कही।
श्री सोनी ने खासतौर से कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि उसके नेता किसान हितैषी कानूनों के संबंध में गलतफहमी पैदा करने करने की असफल कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना रहा कि कृषि सुधार संबंधी केंद्र के ये कानून वास्तव में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हैं। इनके माध्यम से देश के किसानों को सारे बंधनों से मुक्त कर स्वतंत्रता दी गई है ताकि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का रास्ता प्रशस्त हो सके। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा ये है कि भारत को सारी दुनिया को अन्न खिलाने का हब बनाया जा सके। राज्यसभा सदस्य ने बताया कि केंद्र सरकार ने आश्वस्त किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की नीति जारी रहेगी। सरकार इसके लिए लिखित आश्वासन देने के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने मंडी व्यवस्था भी यथावत रखे जाने की बात कही। ये भी कहा कि इनके अलावा जो भी गंभीर मसले हैं उस पर सरकार विचार-विमर्श के लिए तैयार है। कृषि बिलों के जारी विरोध पर श्री सोनी ने कहा कि जो लोग किसानों का भला नहीं सोचते वे वर्तमान मंडी व्यवस्था को लेकर अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्व में अपने घोषणापत्र में भी ऐसे कानून को बनाने की बात कही थी। बावजूद इसके वह राजनीति से प्रेरित होकर अब कृषि बिलों का विरोध कर रही है।
प्रेसवार्ता में किसान मोर्चा अध्यक्ष अवधेश प्रताप पटेल, किसान संघ अध्यक्ष सरदार सिंह, जिला भाजपा उपाध्यक्ष भगवानदास राय, नगर भाजपा अध्यक्ष मनीष ठाकुर, कार्यालय मंत्री कमल सिंह जाट, जिला कोषाध्यक्ष नीलकमल जैन, सहकारिता प्रकोष्ठ संयोजक कमलेश कौरव, प्रवक्ता विपिन बैरागी, सुदर्शन वैद्य, तुलसीराम जाट समेत ध्रुव चौरसिया, संतोष चौकसे, विनीत नेमा, मुकेश शर्मा आदि मौजूद थे।