नरसिंहपुर। ओवरब्रिज निर्माण को पूरा करने के लिए बरगी का रेल गेट आगामी दिनों में बंद होने वाला है। इससे यहां स्थापित औद्योगिक इकाइयों के संचालकों की चिंताएं बढ़ गईं हैं। वे रेलवे से अस्थाई वैकल्पिक मार्ग की मांग कर रहे हैं। इसी तारतम्य में शुक्रवार को राज्यसभा सदस्य ने औद्योगिक क्षेत्र पहुंचकर ब्रिज का निर्माण पूरा होने तक अस्थाई रूप से मैनयुअल रेल गेट बनवाकर उद्योगों को राहत देने पर रेलवे के सेक्शन इंजीनियर से बात की।
राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी ने बरगी स्थित औद्योगिक क्षेत्र पहुंचकर उद्योग संचालकों की समस्याएं सुनीं। संचालकों न उन्हें बताया कि ओवरब्रिज निर्माण के कारण कुछ ही दिनों में बरगी रेल गेट बंद कर दिया जाएगा। इससे उनके उद्योगों से संबंधित बड़े ट्रकों का आवागमन नहीं हो पाएगा। श्री नरसिंह व्यापारी विकास समिति के अध्यक्ष मुकेश जैन, उपाध्यक्ष कैलाश साहू, उपाध्यक्ष माधव वासवानी, महामंत्री स्वतंत्र कोठारी, सचिव अनिल राजपूत आदि ने श्री सोनी को बताया कि यदि मौजूदा रेल गेट के बाईं ओर यदि रेलवे प्रशासन अस्थाई रूप से मैन्युअली फाटक का इंतजाम कर दे तो उनकी परेशानी बहुत हद तक दूर हो जाएगी। उन्होंने यहां तक कहा कि दिन में सिर्फ एक या दो बार ही उद्योगों के ट्रक निकलेंगे। वहीं रेलवे की ओर से आए सेक्शन इंजीनियर अंशुल ददरया का कहना था कि रेल गेट बंद होने के बाद मैन्युअल गेट फिलहाल संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए नया इंटरलॉकिंग सिस्टम बनाना पड़ेगा। इस पर राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी ने रेल इंजीनियर को उच्चाधिकारियों तक ब्रिज निर्माण होने तक ब्रिज निर्माण होने तक वैकल्पिक रेल गेट का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।
उद्योग प्रबंधक को जरूरी सुविधाओं के दिए निर्देश: इस मौके पर जिला उद्योग के जिला प्रबंधक नवीन कुशवाहा भी मौजूद रहे। राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी ने उन्हें उद्योग परिक्षेत्र के अंतर्गत बाउंड्रीवॉल, नाली, सड़क आदि निर्मित कराने के निर्देश दिए। साथ ही ये भी कहा कि उद्योगों के लिए जो जरूरी सुविधाएं हों, उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए। श्री सोनी के साथ वरिष्ठ भाजपा नेता इंजी. सुनील कोठारी, नीलकमल जैन आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
रेल गेट नहीं तो बंद हो जाएंगे उद्योग
राज्यसभा सदस्य को उद्योगपतियों ने बताया कि यदि रेल गेट बंद हुआ और उसके बजाय वैकल्पिक गेट की व्यवस्था नहीं हुई तो उद्योग तक आने-जाने वाले 10 व 14 चक्का ट्रकों का का परिचालन थम जाएगा। इससे उद्योग बंद होने के कगार पर पहुंच जाएंगे। इससे उद्योगपतियों को घाटा तो होगा ही साथ ही बड़े पैमाने पर मजदूर बेरोजगार होंगे। श्री सोनी ने उद्योग संचालकों की समस्याओं का निराकरण करने आश्वस्त किया है।