नरसिंहपुर: कांग्रेस पर राहु-केतु की छाया, गुटबाजी पर करेली में राष्ट्रीय नेता के सामने झगड़े नेता, चारों और थू थू

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नरसिंहपुर। जिला कांग्रेस को नौ साल बाद नया और युवा चेहरे के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष हाल ही में मिला है। पार्टी के उच्च स्तरीय नेताओं को उम्मीद थी कि नया चेहरा देख कांग्रेसी एकजुटता की बयार में बहेंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की नैया पार लगाएंगे लेकिन ऐसा सोचना उनकी भूल साबित हो सकता है। वजह ये है कि जिले के नेताओं को एकजुटता, संयम और प्रतिबद्धता से ज्यादा अपना अहम प्यारा है। इसका उदाहरण 20 फरवरी को करेली में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में देखने मिल गया। फ्लेक्स में एक नेता की फ़ोटो न लगे होने से शुरू हुए विवाद ने गुटबाजी को सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड न्यूज़ बना दिया है। कांग्रेसियों द्वारा शूट किया गया वीडियो विपक्षी भाजपा के लिए चटकारे लेने वाला मसाला बन गया है। यह सब घटनाक्रम अहम इसलिये भी हो गया है क्योंकि इस सम्मेलन का नेतृत्व जिला या प्रदेश कांग्रेस का कोई नेता नहीं बल्कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सचिव और प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सीपी मित्तल कर रहे थे। उनकी आंखों के सामने जिले के नेता तमाम अनुशासन और गाइडलाइन को ताक पर रखने से गुरेज नही कर रहे थे।

यह है मामला

20 फरवरी को प्रदेश प्रभारी सीपी मित्तल के नेतृत्व में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया था। मंच पर गाडरवारा विधायक सुनीता पटेल, पूर्व विधायक सुनील जायसवाल, लाखन सिंह पटेल, जिला कांग्रेस अध्यक्ष नरेंद्र राजपूत आदि मंचासीन थे। बताया जा रहा है कि संबोधन की श्रृंखला में जब प्रदेश कांग्रेस के सचिव व पूर्व विधायक सुनील जायसवाल ने माइक हाथ में लिया तो उन्होंने फ्लैक्स में गोटेगांव विधायक नर्मदा प्रसाद प्रजापति की तस्वीर नहीं होने पर अपने अंदाज में ऐतराज जताया। इसके प्रतिउत्तर में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष लाखन सिंह पटेल ने बताया कि यह पहले ही तय हो चुका था कि जो कार्यक्रम में आएंगेए उनके ही नाम व तस्वीर फ्लैक्स में होंगे। इसके बाद मंच संचालन कर रहे ब्रजमोहन चौकसे के ये कहते ही कि नेता बड़े मुद्दों को छोड़ छोटी.छोटी बातों पर ध्यान देने लगते हैं। गुटबाजी नेताओं में होती है, कार्यकर्ताओं में नहीं। इतना सुनते ही पूर्व विधायक कुर्सी पर बैठे-बैठे संचालक से गुटबाजी करने वाले नेता का नाम पूछने लगे। दोनों ही पक्ष तेज आवाज में बातचीत विवाद करने लगे। गुस्से से लाल ब्रजमोहन चौकसे मंच छोड़ नीचे उतरकर दीर्घा में पहुंचे यहां भी विवाद का सिलसिला जारी रहा। वहीं मंच पर प्रदेश प्रभारी से लेकर जिला कांग्रेस अध्यक्ष नरेंद्र राजपूत, कार्यकारी अध्यक्ष लाखन सिंह पटेल दोनों पक्षों को शांत कराते रहे। इस विकट स्थिति में सम्मेलन में आए जिलेभर के नेता-कार्यकर्ता स्तब्ध रहे।

कांग्रेसियों ने वीडियो बनाए फिर वायरल

मंच पर जब विवाद की स्थिति बनी थी तो उस दौरान कतिपय कांग्रेसी पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाने में लग गए। मंच के नीचे और ऊपर बैठे नेता इसे देखते भी रहे, लेकिन इन्हें रोका किसी ने नहीं। बताया जा रहा है कि शाब्दिक घमासान के बाद जैसे-तैसे स्थिति संभली। हालात सामान्य होते ही प्रदेश प्रभारी के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने हाथ जोड़ो अभियान की पैदल यात्रा निरंजन चौक से बरमान चौराहे तक निकाली जा रही थी, तब तक विवाद का वीडियो वायरल हो गया था। जिस पर भाजपाई भी चुटकी लेकर बयान देने लगे थे।

इनका कहना है

करेली का सम्मेलन कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए था। इसमें सबको अपनी बात रखने का अधिकार था। मंच पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ है, बल्कि एक भ्रम को दूर करने के लिए बातचीत हुई थी।

नरेंद्र राजपूत, कांग्रेस जिलाध्यक्ष

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