नरसिंहपुर। जिले में जल्द ही दिव्यांग पुनर्वास केंद्र खोला जाएगा। इसके साथ ही दिव्यांगों के सुलभ आवागमन के लिए स्कूलों-सरकारी भवनों को बाधारहित बनाया जाएगा।
ये निर्णय कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में गुरुवार को आयुक्त नि:शक्तजन कल्याण संदीप रजक व कलेक्टर वेदप्रकाश की अध्यक्षता वाली बैठक में लिया गया। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ केके भार्गव, सीएमएचओ डॉ. एनयू खान, उप संचालक सामाजिक न्याय अंजना त्रिपाठी, जिला शिक्षा अधिकारी आरके इंगले, डीपीसी एसके कोष्टी आदि मौजूद रहे।
बैठक में सर्वसम्मति से (डीडीआरसी) जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र खोले जाने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा स्पर्श पोर्टल पर दिव्यांगजनों का सत्यापन शतप्रतिशत किए जाने की बात कही गई। वर्तमान में कोविड- 19 के संक्रमण काल को देखते हुए पोर्टल पर सत्यापन एवं पंजीयन कार्य कराने के लिए शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं सामाजिक न्याय विभाग टीम बनाकर कार्ययोजना तैयार करने कहा गया। सभी स्कूलों एवं भवनों को बाधारहित बनाने का भी निर्णय लिया गया। आयुक्त श्री रजक एवं कलेक्टर वेदप्रकाश द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी व डीपीसी को विलेज एजुकेशन रजिस्टर एरिया बाइस बनाने निर्देशित किया।
बैठक में उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाए। जिला पंचायत सीईओ श्री भार्गव ने बताया कि मध्याह्न का वितरण कराया जा चुका है।
उप संचालक सामाजिक न्याय त्रिपाठी ने बताया कि दिव्यांगजनों को आवश्यक उपकरण वितरित दिव्यांगजनों को रोजगार के अवसर सुगम रूप से उपलब्ध हो सके, इसके लिए शासकीय अथवा अशासकीय संस्थाओं से सम्पर्क किया जाए। गैर लाभकारी संगठन को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाए। जिले में मूक बधिर छात्र- छात्राओं के लिए भी स्कूल खोलने की सभी तैयारी की जाए। शासकीय भवनों, स्कूलों आदि में रैम्प वगेरह की व्यवस्था हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा जाए।
बैठक के बाद आयुक्त व कलेक्टर ने कोरोना के भारतव्यापी लॉकडाउन में जनता के प्रति प्रदान की जा रही सेवाओं के लिए सेवा भारती नरसिंहपुर एवं केशव स्मृति मंडल नरसिंहपुर को सम्मान पत्र भी प्रदान किया गया। इस दौरान शशिकांत मिश्रा, शिवकुमार रैकवार आदि मौजूद थे।