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नरसिंहपुर: रेवाश्री खांडसारी मिल के संचालक को नोटिस-चार दिन में पेश हो जाओ, वरना करेंगे एकतरफा कार्रवाई 

नरसिंहपुर। खुलरी गांव में स्थापित मां रेवाश्री खांडसारी मिल के संचालक रजनीश कौरव छापामारी के दिन से ही फरार हैं।

नरसिंहपुर। मिल में बीते दिवस पुलिस की मौजूदगी में राजस्व टीम के साथ दबिश देने पहुंचे खाद्य सुरक्षा के अधिकारी।

न तो वे जांच टीम के समक्ष पेश हो रहे हैं न ही उनके बारे में किसी को कुछ खबर है। इसे देखते हुए अब जांच अधिकारी ने मिल संचालक को अल्टीमेटम दिया है कि वे अगले चार दिन के भीतर पेश हो जाएं, बयान दर्ज कराएं, अन्यथा उनके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की जाएगी।

सोमवार को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमित गुप्ता ने बताया कि खुलरी के ग्रामीणों की शिकायत के बाद उन्होंने राजस्व टीम के साथ मां रेवाश्री खांडसारी मिल में छापामारी की थी। दबिश के पूर्व उन्होंने एसपी विपुल श्रीवास्तव को भी सूचित कर दिया था, जिसके बाद मिल परिसर में सुबह से ही पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। श्री गुप्ता के अनुसार छापा वाले दिन भी मिल के संचालक रजनीश कौरव उन्हें नहीं मिले थे। मोबाइल से बात करने पर भी उन्होंने ये नहीं बताया था कि वे कहां हैं, कब उनके समक्ष आएंगे। इसके बाद संयुक्त टीम ने प्रयोगशाला जांच के लिए अप्राकृतिक गुड़ के सैंपल लेकर मिल संचालक को 7 दिन के भीतर पेश होकर बयान देने कहा था। कार्रवाई के तीन दिन बीत जाने के बाद भी संचालक रजनीश कौरव न तो अपनी मिल पहुंचे न ही वे जांच दल के सामने जवाब देने के लिए पेश हुए। खाद्य सुरक्षा अधिकारी के अनुसार यदि 18 जुलाई तक मिल संचालक पेश नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ एकतरफा अपर जिला दंडाधिकारी न्यायालय में चालान पेश कर दिया जाएगा।
नरसिंहपुर। खुलरी की रेवाश्री खांडसारी मिल में अप्राकृतिक गुड़ निर्माण में लगे कर्मचारी। गुड़ बनाने की जगह बिखरा इंजन का जला तेल।
मिल को सील न करने पर भी उठे सवाल: खुलरी की खांडसारी मिल में एक तो बेमौसम गुड़ बनाया जा रहा है वो भी बिना गन्न्े के अप्राकृतिक रूप से। जांच टीम को इस बात के पर्याप्त सबूत भी मिल चुके हैं, उन्होंने मिल में अस्वच्छता अन्य अनियमितता भी स्वीकारी हैं। फिर भी उन्होंने मिल को सील नहीं किया गया। मिल में सोमवार को भी अनवरत रूप से गुड़ निर्माण का काम चलता रहा। इस बारे में खाद्य सुरक्षा अधिकारी का तर्क है कि अनियमितता मिलने के बावजूद मिल संचालक का कहना था कि ये गुड़ मवेशियों के लिए बनाया जा रहा था, इसलिए मिल सील नहीं की गई। हैरत की बात ये है कि अधिकारियों का ये तर्क बिना किसी प्रमाण पर आधारित है। वे बड़े सहज रूप से मिल संचालक के बयान दर्ज किए बिना ही मोबाइल पर उसके जरिए मिली जानकारी पर यकीन कर रहे हैं। अधिकारी इस तथ्य को भी अनदेखा कर रहे हैं कि जिस मिल कर्मचारी ने गुड़ खाकर संचालक के झूठ को उजागर किया था वह आखिर गायब कहां हो गया। इस कर्मचारी की खोजबीन के बारे में भी अफसर घुमा-फिराकर जवाब दे रहे हैं। इससे लग रहा है कि मामले में लीपापोती करने की पूरी तैयारी हो चुकी है।
शिकायतकर्ताओं के बयानों को अनदेखा: रेवाश्री खांडसारी मिल में अनियमितता, गंदगी और केमिकल से बनाए जा रहे अप्राकृतिक गुड़ के संबंध में खुलरी के शिकायतकर्ताओं के बयानों को भी तवज्जो नहीं दी जा रही है। लिखित शिकायत समेत ग्रामीणों ने कैमरे के सामने ऐसे कई प्रमाण प्रस्तुत किए थे, जिससे जाहिर हो रहा था कि मिल में पशुओं के लिए नहीं बल्कि इंसानों के खाने वाला गुड़ ही तैयार किया जा रहा था। इसकी प्रमाणिकता कैमरे के सामने ही मिल के कर्मचारी गजराज सिंह ने भी दी थी। उसने गंदगी, केमिकल, राब से निर्मित गुड़ को सबके सामने खाकर भी बताया था।
इनका ये है कहना
रेवाश्री खांडसारी मिल की हमने जांच की थी, गुड़ के सैंपल भी लिए थे। मिल को सील करने संबंधी कोई निर्देश नहीं थे। बार-बार सूचना के बाद भी मिल संचालक जांच दल के सामने पेश नहीं हो रहे हैं। उन्हें 7 दिन का नोटिस दिया गया है। अवकाश दिवसों को छोड़कर यदि वे 18 जुलाई तक पेश नहीं होते हैं तो हम एकतरफा प्रकरण बनाकर एडीएम न्यायालय में पेश कर देंगे। गुड़ पशुओं के लिए बन रहा है, ये बात हमें मिल संचालक ने फोन पर बताई थी।
अमित गुप्ता, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी, नरसिंहपुर।