नरसिंहपुर। जिले के गाडरवाराा-सालीचौका क्षेत्र में कच्ची महुआ शराब खुलेआम उतर रही है। इसकी शिकायतों के बावजूद आबकारी अफसर चुप्पी साधे हैं। वहीं वे बेशर्मी से मनमाने आंकड़े-कथित सफलता की कहानी कहती फोटो को जारी करने में भी परहेज नहीं कर रहे हैं। ऐसा ही उदाहरण शुक्रवार को तब देखने मिला, जब जिला आबकारी अधिकारी ने प्रेसनोट जारी कर चार स्थानों से 710 किलोग्राम महुआ लाहन व 21 लीटर हाथ भट्टी मदिरा बरामद करने का दावा किया। हालांकि इस जानकारी में ये तथ्य कहीं नहीं था कि आखिर जिन स्थानों से महुआ लाहन व अवैध शराब जब्त की गई है उसमें कितनों को आरोपित बनाया गया है। किस धारा के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
आबकारी विभाग के अनुसार गुरुवार को करेली के हनुमान वार्ड, राजेंद्र वार्ड के अलावा इमलिया व जोहरिया गांव में सामूहिक दबिश देकर 710 किलोग्राम महुआ लाहन (शराब बनाने का कच्चा माल) व 21 लीटर हाथ भट्टी मदिरा बरामद की गई। महुआ लाहन का सैंपल लेकर मौके पर विनष्टीकरण कराया गया। अभियान के दौरान अवैध मदिरा से संबंधित 7 प्रकरण दर्ज किए गए। इस जानकारी को जिला आबकारी अधिकारी ने एक इवेंट की तरह जारी किया। बाकायदा महुआ लाहन के साथ विभाग के चार-पांच कर्मचारियों की तस्वीरें जारी की गई। हालांकि प्रकरण में कितने आरोपित बनाए गए, कौन सी धाराएं लगाई गईं, इस बारे में जिला आबकारी अधिकारी अमृता जैन कोई जवाब नहीं दे पाईं। पहले तो उन्होंने मोबाइल पर कॉल रिसीव नहीं की, इसके बाद वाट्सएप पर पूछे गए सवाल का जवाब देना भी उचित नहीं समझा।
अब होगा मोलभाव
महुआ लाहन की जब्ती, विनिष्टीकरण की इस कार्रवाई के साथ आरोपितों के नामों को उजागर न करना कई तरह के संदेहों को जन्म देता है। विभागीय सूत्र के अनुसार दरअसल, नाम न देने के पीछे कारण ये रहता है कि जांच के नाम पर आरोपितों से मोलभाव किया जा सके।