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नरसिंहपुर: आज से खुलेंगी राशन दुकानें, इन शर्तों पर काम करने आएंगे कर्मचारी

नरसिंहपुर। जिले में पिछले 13 दिन से जारी सहकारिता कर्मचारी महासंघ की हड़ताल खत्म हो गई है। बुधवार, 17 फरवरी से सभी धरनारत कर्मचारी, सेल्समैन, प्रबंधक आदि सभी अपने-अपने काम पर लौट आएंगे। सभी 405 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें भी खुलेंगी, जहां से पात्रता पर्चीधारी गरीब उपभोक्ताओं को राशन मिलना सुनिश्चित हो सकेगा। किसान भी उपार्जन के लिए पंजीयन करा सकेंगे।
सोमवार को भोपाल में सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया के साथ सहकारिता आयुक्त और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक देर रात करीब 2 बजे तक चली। काफी विचार मंथन के बाद पांच बिंदुओं पर आपसी सहमति बनी। प्रथम निर्णय के अनुसार शासकीय कर्मचारियों की भांति वेतन व अन्य सुविधाओं के संबंध में प्रदेश स्तरीय पांच सदस्यों की कमेटी बनेगी। ये कमेटी 45 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसकी अनुशंसा पर वेतन संबंधी पुनरीक्षण के आदेश जारी किए जाएंगे। इसी तरह सार्वजनिक वितरण प्रणाली में जो कटौती की गई है, उसकी सॉफ्टवेयर में जांच कराकर पीओएस मशीनों में कटौती की गई मात्रा का शीघ्र आवंटन जारी किया जाएगा। कमीशन जो 3 वर्ष से देय नहीं था, उसके भुगतान के आदेश जारी किए गए हैं। चौथे निर्णय के अनुसार कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, ऋण मुक्ति, उपार्जन, पीडीएस व सेवा पृथक किए गए कर्मचारियों को सेवा में वापस लेने के आदेश दिए गए हैं। पांचवें निर्णय में प्रशासन द्वारा आंदोलन के दौरान की गई दंडात्मक कार्रवाई को समाप्त करने के भी आदेश दिए गए हैं। इन मांगों का लिखित आश्वासन जारी होने के बाद सहकारिता कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष बीएस चौहान ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की। मंगलवार दोपहर 1 बजे जिला मुख्यालय में आदेश प्राप्त होने पर महासंघ के जिलाध्यक्ष राजकुमार कौरव ने हड़ताल समाप्त कर बुधवार से सभी कर्मचारियों से अपने-अपने काम पर लौटने का आह्वान किया।
जिले की कमेटी में शामिल हों पदाधिकारी

पीओएस मशीन में स्टाक निल करने की प्रक्रिया जिलास्तर पर बनने वाली पांच सदस्यीय कमेटी शुरू करेगी। ये कमेटी प्रत्येक राशन दुकान में कोरोनाकाल के दौरान बांटे गए राशन का रजिस्टर में मिलान करने के बाद प्रमाणित करेगी, उसके बाद सत्यतता पाए जाने पर ही पीओएस मशीन में संबंधित अवधि के स्टाक को निल किया जाएगा। इस कमेटी में सहकारिता उपायुक्त के अलावा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के महाप्रबंधक, जिला खाद्य अधिकारी व अन्य अफसर होंगे। हालांकि इस कमेटी के स्वरूप पर संगठन ने आपत्ति जताई है। सहकारिता महासंघ के जिलाध्यक्ष राजकुमार कौरव ने बताया कि उन्होंने जिला स्तर पर बनने वाली इस कमेटी में महासंघ के जिलाध्यक्ष या अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी को रखने की मांग शासन स्तर पर की है। जिसे मानने का आश्वासन दिया गया है। जल्द ही इस कमेटी का गठन किया जाएगा।

ऋ ण वसूली का काम पिछड़ा, वितरण भी नहीं हो सका
जिले में 4 फरवरी से शुरू हुई सहकारिता कर्मचारियों की हड़ताल भले ही 13वें दिन खत्म हो गई हो लेकिन इसका सबसे अधिक खामियाजा जिले के सहकारी बैंक को उठाना पड़ा है। 2020-21 के सत्र का समापन मार्च में होने को है, लेकिन लक्ष्य के मुकाबले ऋ ण वसूली होना टेढ़ी खीर हो गया है। एक अनुमान के अनुसार इन 13 दिनों में करीब 30 करोड़ रुपये की ऋ ण वसूली नहीं हो सकी है। कर्मचारियों के अनुसार यदि बैंक काम पर लौटने के बाद दोगुना लक्ष्य भी देता है तब भी ऋ ण वसूली का लक्ष्य पाना बेहद कठिन होगा। इसके अलावा इस अवधि में करीब 40 करोड़ रुपये का ऋ ण भी वितरित होना था, जो कि ठंडे बस्ते में रहा। आगामी दिनों में भी इसके लक्ष्य की पूर्ति चुनौती भरी होगी।