नरसिंहपुर: हड़तालियों से करेंगे बात, चाबी नहीं दी तो दुकान का ताला तुड़वाकर बंटवाएंगे राशन-अनाज
नरसिंहपुर। प्रदेश की तरह जिलेभर में करीब 125 सहकारी समितियों द्वारा संचालिक 405 उचित मूल्य की दुकानें बंद पड़ी हैं। जिसके कारण गरीब हितग्राही खाद्यान्न् पर्ची होने के बावजूद राशन प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। गंभीर होती समस्या को देखते हुए अब जिला खाद्य विभाग एक्शन मोड में है। अधिकारियों के मुताबिक यदि हड़ताल नहीं टूटी तो ग्राम रोजगार सहायकों के माध्यम से राशन बंटवाने की योजना है।
जिले में मध्यप्रदेश सहकारिता कर्मचारी महासंघ के बैनर तले जिले के सभी सोसायटी संचालक बीती 4 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इसके चलते सभी उचित मूल्य की दुकानों पर ताला लगा हुआ है। शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र, हर जगह हजारों की तादाद में गरीब उपभोक्ता अनाज-राशन के लिए परेशान है। महंगी कीमत पर वह अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी कर रहा है। अति गरीब परिवारों की दशा ये है कि उनके घर तो एक वक्त का ही खाना बन पा रहा है। हड़ताल के चलते गंभीर होते हालातों को देखते हुए जिले के खाद्य विभाग ने एक नई कार्ययोजना तैयार की है। इसके मुताबिक, यदि हड़ताल यूं ही जारी रहती है तो ग्राम पंचायतों में तैनात रोजगार सहायकों को शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के संचालन का जिम्मा सौंपा जाएगा। ये सहायक ग्रामीण क्षेत्र के गरीब हितग्राहियों और खाद्यान्न् पर्ची धारकों को गेहूं, चावल आदि राशन का वितरण करेंगे। यद्यपि शहरी क्षेत्र की उचित मूल्य की दुकानों का संचालन कौन करेगा, इस पर विचार-विमर्श चल रहा है। अधिकारी के अनुसार जल्द ही इसके लिए भी जिम्मेदारों की तैनाती कर दी जाएगी।
चाबी नहीं दी तो तोड़ेंगे ताला
ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को खोलने के लिए जिला खाद्य विभाग ने कमर कस ली है। जिला खाद्य अधिकारी राजीव शर्मा के अनुसार मंगलवार-बुधवार को हड़ताल पर गए सहकारी कर्मचारियों को मुख्यालय में तलब किया जाएगा। इनसे राशन वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर चर्चा होगी। यदि ये हड़ताल नहीं तोड़ते हैं तो इनसे दुकानों की चाबी ली जाएगी। चाबी न देने पर संबंधित दुकानों के ताले तोड़कर मौके पर पंचनामा बनवाया जाएगा, दुकानें ग्राम रोजगार सहायकों को संचालन के लिए दी जाएगी।
सहायकों पर बढ़ेगा तीन गुना भार
ग्राम पंचायतों में तैनात रोजगार सहायक (जीआरएस) के पास ग्रामीणों को मनरेगा से जॉब दिलाने समेत आवास, स्वच्छता आदि दर्जनभर कार्य पहले से हैं। नई रणनीति के अंतर्गत प्रदेश शासन ने इन्हें दो दिन पहले ही गेहूं, चना, मसूर के उपार्जन के लिए पंजीयन का काम भी दे दिया गया है। अब नई योजना के तहत राशन वितरण का काम सौंपने की तैयारी की जा रही है। इस तरह रोजगार सहायकों पर एक साथ तीन गुना भार आ जाएगा। जानकारों के अनुसार समय पर अनाज उपार्जन के लिए पंजीयन और राशन वितरण का दायित्व ये रोजगार सहायक संभाल पाएंगे, इसे लेकर संदेह है। इस व्यवस्था में अराजकता मचना तय है। वहीं रोजगार सहायक भी मान रहे हैं कि उचित मूल्य की दुकानों से राशन वितरण और पंजीयन का काम चूंकि वे पहली बार करेंगे, इसलिए ये काम उनके लिए कठिनाइयों भरा होगा।