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अस्सी हजार रूपये की रिश्वत लेने वाले सेनेटरी इंस्पेक्टर पर 9 माह बाद भी नही हो पाई एफआईआर, पीड़ित महिला ने लगाई एसपी से एक बार फिर न्याय की गुहार

नरसिंहपुर/करेली। करेली नगरपालिका में पदस्थ सेनटरी निरीक्षक पर लगे धोखाधड़ी के मामले में 9 माह बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है। शिकायतकर्ता महिला का आरोप है कि करेली पुलिस ने इस मामले को ले-देकर रफा-दफा कर दिया है। मामले में कार्रवाई के लिए शिकायर्ता ने अब एसपी अजय सिंह को लिखित शिकायत दी है।
लक्ष्मीनारायण वार्ड की रहने वाली महिला शिकायतकर्ता स्नेहलता ठाकुर ने बताया कि 31 अगस्त 2018 में तत्कालीन सेनेटरी इंस्पेक्टर विजय पटेल ने भारत सरकार द्वारा संचालित मैन्युअल स्कैवेंजर घोषणा योजना का लाभ दिलाने के नाम पर 80 हजार रुपये की नकद रिश्वत उससे ली थी। जबकि ये योजना 10 जून 2018 को ही बंद हो गई थी। महिला ने जब सेनेटरी इंस्पेक्टर से अपने पैसे वापस मांगे तो उसने नहीं दिए। परिणामस्वरूप महिला ने विजय पटेल की नामजद रिपोर्ट 25 नवंबर 2019 को एसपी कार्यालय में की। इसके बाद 24 फरवरी 2020 को भी सीएम हेल्पलाइन पर महिला के पुत्र ऋषभ ने शिकायत दर्ज कराई। बावजूद इसके कोई जांच नहीं हुई। महिला का दावा है कि इस लेनदेन का वीडियो व ऑडियो के रूप में उसके पास प्रमाण भी है। आरोप है कि करेली पुलिस ने आरोपित विजय पटैल के साथ सांठगांठ कर मामले को दबा दिया। वहीं आरोपित महिला सीएमओ से अभद्र व्यवहार के चलते वर्तमान में साईंखेड़ा नगरपालिका में अटैच बताया जा रहा है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि यह मामला हाल ही में उनके संज्ञान में आया है। इसकी एसडीओपी से जांच कराई जाएगी।