नरसिंहपुर। जिले में महंगी रेत के चलते सरकारी स्तर पर होने वाले तमाम विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। अति जरूरी करीब 85 करोड़ के निर्माण गति प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। इसे लेकर जिले की सभी पंचायतों के सरपंचों ने बीते दिवस कलेक्टर वेदप्रकाश को ज्ञापन भी सौंपा है।
जिले रेत के आसमान पहुंच चुके दामों और पंचायतों तक रेत नहीं पहुंच पाने के कारण करीब 85 करोड़ रुपये के विकास कार्य ठप हैं। ये सभी काम 15 लाख रुपये से कम की लागत वाले हैं। इसमें यदि गोशाला, स्कूल, पंचायत भवनों को जोड़ दिया जाए तो आंकड़ा डेढ़ सौ करोड़ से अधिक का पहुंच जाएगा। इस स्थिति से जिला प्रशासन को मप्र सरपंच-सचिव संघ भी अवगत करा चुका है। संघ ने स्पष्ट तौर पर इस स्थिति के लिए रेत खनन के लिए अधिकृत कंपनी धनलक्ष्मी को जिम्मेदार ठहराया है। संघ के जिला अध्यक्ष दिनेश भारद्धाज सहित मप्र सरपंच संगठन के जिला, ब्लॉक अध्यक्ष ने बताया कि शासन के निर्देश हैं कि ग्राम पंचायतें स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों से बिना किसी रोक-टोक के रेत-बजरा आदि ले कर उनका परिवहन कर सकती हैं। लेकिन रेत ठेका कंपनी धनलक्ष्मी मरचेंडाइज द्वारा पंचायत क्षेत्र के अधीनस्थ खदानों से भी रेत-बजरा उठाने पर एफआईआर दर्ज कराते हुए कार्यवाही प्रस्तावित की जा रही है। समझौते की स्थिति में अत्याधिक राशि की मांग कंपनी की फ्लाइंग स्क्वॉड द्वारा की जाती है। ऐसी स्थिति में बिना रेत/बजरा के सरकारी निर्माण कार्य, यहां तक कि प्रधानमंत्री आवास तक बना पाना संभव नहीं है।
प्रशासनिक स्तर पर अभी कोई व्यवस्था नहीं
बात जिला प्रशासन की करें तो अब तक जिले में निर्माण कार्यों को लेकर स्पष्ट योजना तैयार नहीं हो सकी है। हालांकि कलेक्टर समय-समय पर जरूरी निर्माणों को गति देने की बात कर चुके हैं। बताया जाता है कि इस समय बाजार में रेत करीब डेढ़-दो हजार रुपये घनमीटर के हिसाब से बिक रही है। ऐसे में रेत की उपलब्धता पुराने टेंडर के लिहाज से ठेकेदारों के वश में नहीं है। नतीजतन उन्होंने या तो अपना काम बंद कर रखा है या निर्माण की गति धीमी है। ठेकेदार सरकारी एजेंसी से लगातार न्यूनतम दर पर रेत की उपलब्धता कराने की मांग कर रहे हैं। ऐसा न होने पर उनकी मांग ये भी है कि वर्तमान में रेत के प्रचलित दामों के आधार पर उनकी टेंडर राशि बढ़ाई जाए।
ग्राम पंचायतों में अधूरे पड़े निर्माण कार्यों में रेत की कमी को लेकर सरपंचों और सचिवों ने अपनी समस्याएं बताईं हैं। इसके लिए जनपद स्तर पर पदस्थ इंजीनियर्स व अधिकारियों से मांग पत्र मंगाया गया है। पत्र के बाद जिले के खनिज विभाग के माध्यम से रेत की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
वेद प्रकाश, कलेक्टर, नरसिंहपुर।