नरसिंहपुर समेत मध्यप्रदेश के जिन जिलों में पिछले 14 दिन में कोरोना का एक भी मरीज सामने नहीं आया है, वहां सरकारी कार्यालय खोले जाएंगे। दफ्तर में शत – प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के बजाय 33 फीसदी कर्मचारियों को काम करने की अनुमति रहेगी। ताकि फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। दफ्तर में कौन-कौन आएगा इसका निर्णय सम्बंधित जिलों के कलेक्टर रोस्टर के आधार पर तय करेंगे। ये निर्णय मंगलवार शाम प्रदेश सरकार ने लिया है। हालाँकि ये आदेश इंदौर, भोपाल, उज्जैन, धार और खरगोन पर लागू नहीं होगा। यहाँ तीन मई तक की पाबंदी रहेगी। जिन जिलों में दफ्तर खोले जाएंगे वहां न तो जनसुनवाई होगी न ही ऐसा कोई आयोजन जिसमे भीड़ उमड़े। बैठकों पर भी प्रतिबन्ध रहेगा। इस आशय के निर्देश मंगलवार शाम सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी संभाग आयुक्त और कलेक्टरों को जारी कर दिए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि जिला आपदा प्रबंधन समूह बैठक में तय करेंगे कि कौन सा कार्यालय जिले में किस क्षमता के साथ खोला जाए। जो जिले कोरोना संक्रमण से मुक्त होते जाएंगे, वहां जिलास्तर पर कार्यालय खोले जाने को लेकर निर्णय लिया जा सकेगा। विभाग ने यह भी साफ किया है कि लॉकडाउन अवधि में अनावश्यक बैठकें नहीं की जाएंगी। जनसुनवाई जैसे कार्यक्रम नहीं किए जाएंगे ताकि भीड़ न लगे। शारीरिक दूरी का पालन किया जाएगा और मास्क अनिवार्य रूप से लगाना होगा। कार्यालयों में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था बनानी होगी और बैठक व्यवस्था को भी इस तरह रखना होगा कि आपस में पर्याप्त दूरी भी रहे। कर्मचारियों को बदल-बदलकर बुलाने के बारे में भी रोस्टर कलेक्टर कार्यालय द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
ये जिले अब तक कोरोना संक्रमण से दूर
नरसिंहपुर, सतना, बालाघाट, रीवा, सिवनी, मंडला, सिंगरोली, उमरिया, शहडोल, दतिया, अनूपपुर, पन्ना, निवाड़ी, भिंड, गुना, अशोकनगर, दतिया, नीमच, झाबुआ, सीहोर, बुरहानपुर, हरदा, दमोह, छतरपुर, कटनी, सीधी।