जानकारी के अनुसार इन घाटों से रेत भर कर लगातार ट्रैक्टरों के माध्यम से निकासी की जा रही है। इसमें कुछ उन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं जो न माह पहले इन खदानों से रेत की निकासी व अवैध खनन का मुद्दा उठा कर नर्मदा प्रेमी बन कर सामने आए थे। गौरतलब है कि इन घाटों से रेत की अवैध निकासी को लेकर व्यापक जन आंदोलन भी चलाया गया था। जो लोग इस समय इन घाटों से रेत निकाल रहे हैं वे उस समय रेत खनन के खिलाफ जन आंदोलन के मुखिया के कंधे से कंधा मिलाकर रेत के अवैध खनन के खिलाफ आवाज बुलंद करने में लगे थे। बताया गया है कि रेत माफिया जिनके डंपर आदि चलते हैं वे यहां से बड़े पैमाने पर रेत की निकासी में संलग्र हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ अभी तक खनिज विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है जिससे विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक रमाकांत, छोटा, गुड्डू ,राहुल, वीरेंद्र, राजू नाम के लोग यहां खुलेआम रेत का अवैध खनन और परिवहन कराने में संलग्र हैं।
ये हैं अवैध खदानें: नर्मदा नदी पर स्थित शगुन घाट, कुड़ी और धरमपुरी घाट की खदानें अवैध रेत खनन को लेकर हमेशा सुर्खियों में रही हैं। इन खदानों से रेत के अवैध खनन को लेकर कांग्रेस के नेताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देकर प्रदर्शन किया था और प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर इसे बंद कराने की चेतावनी दी थी। छह माह बाद अब रेत माफिया यहां रेत के अवैध खनन में सक्रिय हो गया है।
रेत के अवैध परिवहन में डंपर जब्त: रेत के अवैध परिवहन को लेकर खनिज विभाग ने एक डंपर जब्त किया है जिसमें करीब 16 हजार घनमीटर रेत पाई गई है। जब्त किया गया डंपर साईंखेड़ा थाने में खड़ा किया गया है। प्रभारी खनिज अधिकारी ओपी बघेल ने बताया है कि यह डंपर पहले रमाकांत के नाम पर दर्ज था बाद में यह सोनू ट्रेडर्स के नाम पर किया गया। इस डंपर से बिना ईटीपी के रेत का परिवहन किया जा रहा था। खनिज विभाग के नियमों के मुताबिक इस पर करीब 50 हजार रुपए का जुर्माना बनता है।
इनका ये है कहनायदि इन जगहों पर रेत की अवैध रूप से निकासी की जा रही है तो राजस्व, पुलिस और खनिज विभाग की टीम संयुक्त रूप से कार्रवाई करेगी। दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।ओपी बघेल, प्रभारी जिला खनिज अधिकारी