मूलभूत सुविधाओं से वंचित रोंसरा के शांतिनगर कॉलोनी निवासी, 35 साल बाद बनी सड़क नही चल पाई 365 दिन, नही मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

अब तक नहीं बन सकी नाली

0

 नरसिंहपुर। जिला मुख्यालय के पास रोसरा ग्राम पंचायत की शांतिनगर कॉलोनी के लोगों को बसाहट के 35 साल बाद एक अदद कंक्रीट सड़क मिली थी। लेकिन, घटिया निर्माण के कारण ये 365 दिन भी नहीं चल सकी, मूलभूत सुविधाओं से भी करीब 500 की आबादी वंचित है। जनप्रतिनिधियों व जनपद पंचायत की उदासीनता से यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं

कहने को तो रोंसरा ग्राम पंचायत के अंतर्गत 2020 पावर हाउस के पास शांतिनगर कॉलोनी राष्ट्रीय राजमार्ग 44 से लगी हुई है, जिला प्रशासनिक मुख्यालय के बेहद करीब है, लेकिन इसका फायदा स्थानीय लोगों को नहीं मिल रहा है। वर्षों से यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार शांतिनगर में एक साल पहले ही करीब 200 मीटर लंबी 10 फीट चौड़ी कंक्रीट सड़क का निर्माण पंचायत द्वारा कराया गया था, लेकिन इसमें गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया। निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया गया। नतीजतन ये सड़क मात्र 500 की आबादी के आवागमन का भार भी नहीं झेल सकी। एक साल के अंदर ही सड़क लगभग उखड़ चुकी है। स्थानीय वाशिंदों के अनुसार इस संबंध में उन्होंने कई बार सरपंच-सचिव से शिकायत भी की, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। विकास कार्यों से लेकर सरकारी योजनाओं के लाभ तक से उन्हें वंचित रखा गया है। अब जबकि बारिश का मौसम चल रहा है, ऐसे में मुख्य सड़क तक पहुंचना इनके लिए कठिनाई भरा साबित हो रहा है। कॉलोनी निवासी मोनू खरे ने बताया कि बारिश के कारण यहां इतनी कीचड़ हो जाती है कि पैदल चलना भी मुमकिन नहीं रहता है।
अब तक नहीं बन सकी नाली
शांतिनगर में पिछले 35 साल में निस्तारित पानी की निकासी के लिए नाली का निर्माण भी पंचायत द्वारा नहीं कराया जा सका है। हालांकि कई बार इसे लेकर शिकायतें, आवेदन, ज्ञापन भी हुए लेकिन, इन पर अमल करने में पंचायत प्रतिनिधि गुरेज करते रहे। आज भी यहां के हालात ये हैं कि निस्तारित गंदा पानी सड़क समेत आसपास के घरों में एकत्र होता है, जिसके कारण बदबू, गंदगी बढ़ती है। इसके कारण पड़ोसियों में आए दिन झगड़े भी होते हैं। हालांकि कुछ लोगों ने अपने घरों के सामने सोख्ता गड्ढा खोदकर निस्तारित पानी को भरने का उपाय जरूर किया है, लेकिन ये नाकाफी है।


सीलन में गिरने लगी कई मकानों की दीवारें
निस्तारित पानी की निकासी का मार्ग यानी नाली का निर्माण न होने से यहां के कच्चे-पक्के मकानों की दीवारों में सीलन की समस्या बढ़ गई है। हर साल खासकर कच्चे मकानों की दीवारें भरभराकर बारिश के दिनों में गिर जाती हैं। ये संकट गरीब तबके के लोगों के लिए शारीरिक व आर्थिक स्तर पर दोहरा भार डालता है। शांतिनगर के अंदरूनी हिस्से में तो हालात बद से बदतर हैं। कच्चे टपरे वाले मकान इस बारिश में फिर ढहने की आशंका पैदा कर रहे हैं। प्रतिमा खरे के अनुसार नाली न होने के कारण गंदे पानी का जमावड़ा आए दिन यहां के लोगों को बीमार करता है। मच्छरों की पनपाहट बनी रहती है, जिससे दिन-रात सोना, जागना दूभर हो जाता है।


गरीबों को नहीं मिला पीएम आवास का लाभ
योजनाओं की बात करें तो शांतिनगर इससे भी अछूता है। स्थानीय लोगों के अनुसार ग्राम पंचायत में एक दर्जन लोगों का नाम पीएम आवास के लिए चयनित हुआ है लेकिन इससे शांतिनगर के अधिकांश पात्र अब तक वंचित हैं। ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों की मनमानी की हद यहां रहने वाली भूरीबाई की आर्थिक स्थिति और उसके कच्चे-ढहते मकान को देखकर लगाई जा सकती है। ग्राम पंचायत ने पीएम आवास योजना का भूरीबाई को लाभ देने के बजाय लिस्ट से ही उसका नाम काट दिया। मुन्न्ी प्रजापति अपने घर को दिखाते हुए कहती हैं कि आम दिनों में ही क्षेत्र के निस्तारित पानी का जमावड़ा उसके मकान पर भारी पड़ता है। जब बारिश आती है तो उनकी मुसीबतें कई गुना बढ़ जाती हैं। इन्हें भी पीएम आवास का लाभ नहीं मिला है। इसी तरह के हालात सीताराम ठाकुर के भी हैं। छोटे से कच्चे घर को बारिश से बचाने के लिए ये इन दिनों ये बच्चों के साथ पॉलीथिन से घर की छत ढंकने का काम कर रहे हैं। इनका कहना है कि कई बार सरपंच-सचिव से उन्होंने योजना का लाभ दिलाने की मांग की लेकिन उनका मनमाना रवैया बरकरार रहा। हरिबाई, दिनेश सेन समेत शांतिनगर में एक दर्जन से अधिक लोगों की भी यही समस्या है।
रात को छा जाता है अंधेरा
नरसिंहपुर शहर से लगे व हाईवे के बिल्कुल निकट होने के बावजूद शांतिनगर के लोग रात को अंधेरे में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं। करीब 72 परिवारों की इस बस्ती की जर्जर सड़क पर रोशनी के लिए स्ट्रीट लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है। बारिश के दिनों में यहां पर जहरीले सांप-बिच्छुओं का खतरा बना रहता है। ये हालात लोगों को हर समय डराते रहते हैं।

इनका ये है कहना
रोंसरा पंचायत के अंतर्गत शांतिनगर की समस्याओं को दूर करने का प्रयास होगा। सड़क कब बनी, वर्तमान स्थिति क्या है, इसकी जानकारी लेकर कार्रवाई करता हूं।
देवेंद्र दीक्षित, सीईओ जनपद पंचायत, नरसिंहपुर।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!
Open chat