नरसिंहपुर. आगामी होलिका दहन, धुरेड़ी, शबे बारात, रंगपंचमी त्यौहार को दृष्टिगत रखते हुए जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक कलेक्टर रोहित सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में शुक्रवार को सम्पन्न हुई।
बैठक में जिला शांति समिति ने जिले के नागरिकों से अपील की कि जिले की शांति, सद्भाव एवं एकता की गौरवशाली परंपरा के अनुरूप जिले में आगामी होली, रंगपंचमी सहित सभी त्यौहार मिल- जुलकर आपसी भाईचारे के साथ मनाये जायें। त्यौहारों में डीजे पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। धुरेड़ी एवं रंगपंचमी में केमिकल युक्त पीली मिट्टी की बिक्री पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगी। आमजन ज्वलनशील रंगों/ पेस्टों/ गोबर/ कीचड़ का इस्तेमाल न करें। अवैध शराब की बिक्री नहीं होगी। पुलिस एवं आबकारी विभाग इस पर लगातार निगरानी रखकर कार्रवाई करेंगे।
बैठक में शांति समिति के सदस्यों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। इन पर अमल का भरोसा कलेक्टर श्री सिंह ने दिलाया। जिला प्रशासन ने अपील की कि नई जगहों पर अगर होलिका दहन की जा रही हो, तो उसकी सूचना संबंधित पुलिस थाना में दी जाये। होलिका दहन में लकड़ी की अपेक्षा गोबर के कंडे का उपयोग किया जाये। केन्द्रीय जेल एवं गौशालाओं में निर्मित गोबर के कंडों का उपयोग किया जा सकता है। होलिका दहन निर्धारित मुहूर्त के अनुसार हो। होलिका दहन स्थलों का निरीक्षण किया जाये। विद्युत तारों/ टेलीफोन लाइन के नीचे होलिका न रखी जाये। असामाजिक तत्वों की निगरानी की जाये। जबरन चंदा वसूली न करें। व्यापारी वर्ग उत्तम किस्म के रंग- गुलालों की बिक्री करें। हाईवे के आसपास लगातार पेट्रोलिंग होती रहे। रात में पुलिस की गश्ती हो। तीन सवारी बैठाकर बाईक चलाने वालों की चैकिंग की जाये। चैकिंग प्वाइंट बनाये जायें। अनुभाग स्तर पर भी शांति समिति की बैठक आयोजित की जाये। तेज रफ्तार वाहनों पर आरटीओ कार्यवाही करे। कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के प्रावधानों का कड़ाई से पालन हो। फायर बिग्रेड की व्यवस्था रखी जाये।
कलेक्टर श्री सिंह ने पार्कों की साफ- सफाई, लाइट व्यवस्था, ओपन जिम, पेड़- पौधों की देखरेख आदि समय- समय पर नियमित रूप से हो। बच्चों के लिए झूले हो। पार्कों की वास्तविक सार्थकता बनी रहे। समिति सदस्यों द्वारा अवगत कराया गया कि शहर में सामाजिक संस्थाओं द्वारा आवारा मवेशियों के लिए व्यवस्था की गई है। श्री सिंह ने सीएमओ को निर्देश देते हुए कहा कि यह मवेशी गौशालाओं में शिफ्ट किये जायें। इनके चारे के लिए जिले के कृषकों ने आगे आकर गन्ना एवं ज्वार के अपशिष्ट प्रदान किये हैं। यह वाकई में काबिले तारीफ है।