नरसिंहपुर: खूब अपमान झेला, संघर्ष किया अंतत: फिल्म फैक्टरी में विलेन बनकर शरद ने मचाया धमाल, नरसिंहपुर से ये है कनेक्शन

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नरसिंहपुर। अपने सपनों को पूरा करने के लिए होशंगाबाद-नरसिंहपुर के एक नौजवान ने खूब संघर्ष किया। यहां तक कि गरीब जानकर उसे पग-पग पर अपमान तक झेलना पड़ा लेकिन हसरतों के आगे ये शख्स झुका नहीं बल्कि ख्वाब पूरा करने जुटा रहा। आखिरकार उसे बाॅलीवुड लीजेंड अभिनेता-निर्माता-निर्देशक आमिर खान के भाई फैसल खान के बैनर तले ब्रेक मिल ही गया। हाल ही में प्रदर्शित फैक्टरी फिल्म में इस शख्स ने विलेन के किरदार को अपने अनुभव से जीवंत कर दिया। आलोचना और मजाक उड़ाने वाले लोग अब इस अभिनेता की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं। इस शख्स का नाम शरद सिंह का है।

करीब 46 वर्षीय शरद सिंह का गत दिवस नरसिंहपुर आगमन हुअा। अपने जीवनकाल के अनुभवों को उन्होंने खबरलाइब 24 से शेयर किया। बातचीत में अभिनेता शरद सिंह ने बताया कि फैक्टरी फिल्म में रोल मिलने के पूर्व वे वारसी की फिलम फ्रॉड सइयां और राजपाल यादव के साथ फिल्म बांके की क्रेजी बारात में अभिनय कर चुके थे। इस तरह वे काम तो लगातार कर रहे थे पर अंदर से झुंझलाहट इस बात की होती थी कि ऐसा कोई काम नहीं मिल रहा था, जिसे करने के बाद बालीवुड में उनकी एक अलग पहचान बन जाए। इसी बीत दो साल पहले उनके मित्र तालिब भाई की बदौलत आमिर खान के भाई फैसल खान से मुलाकात ने कायाकल्प कर दिया। फैसल निर्देशित फैक्टरी में उन्हें मुख्य विलेन के किरदार के लिए सिलेक्ट किया गया। 3 सितंबर को देशभर के सिनेमाघरों में प्रदर्शित इस फिल्म को दर्शकों समेत क्रिटिक्स ने भी खूब सराहा। उनके अभिनय की जमकर तारीफ हुई। शरद सिंह बताते हैं कि उन्होंने कभी भी अभिनय की कोई ट्रेनिंग नहीं ली। वे थिएटर करते-करते इस मुकाम तक पहुंचे हैं। जिंदगी के उतार-चढ़ाव ने उन्हें भाव भंगिमाओं को समझने में मदद की। मैंने अपने जीवन में बुरा वक्त भी देखा, अपमान भी झेला लेकिन कभी विचलित नहीं हुआ।ये वो दौर था जब मदद मांगने पर भी अपनों ने साथ नहीं दिया, उल्टा मुंह मोड़ लिया।इन विपरीत हालातों के बावजूद ठान लिया था कि खुद की पहचान बनाकर रहूंगा।उन दिनों मुंबई की यात्रा करना मेरे लिए सपने जैसा ही था। मैं इस स्थिति में नहaी था कि मुंबई आकर संघर्ष कर पाता। लेकिन मैंने अब अपने बलबूते काफी कुछ हासिल कर लिया है। मेरी बहनों की शादी हो गई। मेरा अपना व्यापार है, पर मेरी सोच एक उत्कृष्ट अभिनेता बनने की है। एक बेहतरीन चरित्र अभिनेता बनने की है। मैं फैसल खान का शुक्रगुजार हं जिन्होंने मेरी अभिनय क्षमता पर भरोसा कर मुझे इतना बड़ा अवसर दिया। शरद सिंह के अनुसार किरदार के प्रस्तुतिकरण में मेरे जीवन अनुभव बेहद कारगर रहे हैं। देर से ही सही लेकिन फैक्टरी फिल्म के जरिए मैं कलाकार के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहा।

फिल्म प्रथा में पहला ब्रेक: अभिनेता शरद सिंह ने बताया कि 17 वर्ष पहले फिल्म प्रथा में उन्हें पहला ब्रेक मिला था। इसमें उन्होंने पुलिस इंस्पेक्टर का किरदार निभाया था लेकिन इससे उनके हालात नहीं बदले। वापस होशंगाबाद आकर वही मुश्किलें, फिर एमआर की नौकरी की, कई नौकरियां बदली। हालांकि आज लंबे संघर्ष के बाद वे इतने सक्षम हो गए हैं कि वे मुंबई में अपनी हसरतों को पूरा कर सकें।

लक्ष्य पैसा कमाना नहीं बल्कि पहचान बनाना है: बातचीत में अभिनेता शरद सिंह ने कहा कि यदि आप छोटे शहर में रह रहे हो अौर आप टीवी पर आ जाएं तो शहर के निवासियों के लिए आप बहुत बड़े कलाकार हो जाते हैं, ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ। शरद के अनुसार मेरे आसपास के लोगों का व्यवहार भी मेरे प्रति अचानक बदल गया। फिर होशंगाबाद के हर कार्यक्रम में मुझे निमंित्रत किया जाने लगा, इज्जत मिलने लगी। हालांकि शरद इससे इत्तेफाक नहीं रखते, उनके अनुसार मेरा मकसद अभिनय से ढेर सारा पैसा कमाना नहीं बल्कि कलाकार के तौर पर पहचान व इज्जत पाना है। मैंने 17 वर्ष तक जो अपमान झेला है उसका जवाब देना है। मैं लोगों काे यकीन दिलाना चाहता हूं कि एक छोटा इंसान भी बड़ा काम कर सकता है। यह आग कल भी जल रही थी, आज भी जल रही है और आगे भी जलती रहेगी।बहरहाल होशंगाबाद में जन्मे और नरसिंहपुर की कर्मभूमि में कार्यरत अभिनेता पुन: नई पारी खेलने को तैयार हैं। वे देश के पांच बड़े निर्देशकों में से एक के साथ वेब सीरीज व्हेयर आई लास्ट यू में भी महत्वपूर्ण किरदार निभाते नजर आने वाले हैं। शरद सिंह गाने के भी शौकीन हैं, वे मोहम्मद रफी और किशोर कुमार को अपना आइडियल आइकॉन मानते हैं।

 

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