नरसिंहपुर। अपने अजब-गजब आदेशों निर्देशों के लिए प्रसिद्ध शिक्षा विभाग से प्रदेश के शिक्षक न केवल परेशान होते हैं बल्कि वे अब मानसिक तनाव से ग्रस्त होने लगे हैं।ऐसा ही एक आदेश हाल ही में जारी किया गया है जिसमें शिक्षकों को दो दिन में मध्यप्रदेश के शिक्षा विभाग के पोर्टल पर छात्रवृत्ति को अद्यतन कराने के आदेश जारी कर कहा गया है, कि यदि समय सीमा में शिक्षकों ने यह कार्य नहीं किया तो विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान अपनी जेब से करना पड़ेगा।
ज्ञात हो कि यह आदेश हाल ही में जारी किया गया और पोर्टल पर प्रविष्ठि भी दो दिन पूर्व से ही होना शुरू हुई है।एकसाथ पूरे प्रदेश के विद्यार्थियों के अद्यतन की कार्यवाही से सर्वर पर दवाब बढ़ने से उसकी गति अत्यधिक कम हो गयी है।एक घण्टे में मात्र दो या अधिकतम तीन विद्यार्थियों का अद्यतन बड़ी मुश्किल से हो पा रहा है।कार्य की समय सीमा कम होने से बेचारे शिक्षक रात-रात भर जागकर कम्प्यूटर ऑपरेटर से काम कराने विनती कर रहे हैं पर जब सर्वर ही काम नहीं कर रहा है तो काम कैसे हो?जबकि विभाग को इस कार्य की अनिवार्यता व प्राथमिकता पता है तो उसे कम से कम पन्द्रह से बीस दिन का समय देना चाहिए,एवं विभाग में कम्प्यूटर ऑपरेटर नियुक्त कर उनसे ही कार्य कराना चाहिए ,जिससे शिक्षकों को इस तरह की परेशानी न हो।क्योंकि बहुतेरे क्षेत्रों में नेटवर्क नहीं मिलता है तथा सभी शिक्षक कम्प्यूटर चलना भी नहीं जानते हैं।
मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के जबलपुर संभागीय सचिव आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव ने अधिकारियों से शिक्षकों की इस समस्या का समाधान निकालने की अपील की है।