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नरसिंहपुर। तेंदूखेड़ा के कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में छात्राओं के साथ बेरहमी के साथ मारपीट के मामले में शिक्षा विभाग लीपापोती करने के मूड में है। तभी तो प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी मामले से पल्ला झाड़कर खुद को प्रकरण से दूर करने की कवायद में जुटी हैं। वहीं छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ की आशंका के चलते परिजनों ने भी थाने में रिपोर्ट करने से दूरी बना ली है।
तेंदूखेड़ा के कन्या उच्चतर विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा 8वीं-9वीं की छात्राओं के साथ मारपीट को शिक्षा विभाग की जो अधिकारी शनिवार-रविवार तक मामूली बताकर किसी भी तरह की कार्रवाई या जांच से इंकार कर रहीं थी, उनके स्वर सोमवार को थोड़े बदले रहे। वे प्रकरण में अब जांच की बात कहती नजर आ रहीं हैं। हालांकि जांच कौन कर रहा है, कब तक जांच पूरी होगी। कौन कार्रवाई करेगा, इसे बताने से उन्होंने गुरेज रखा। विभागीय जानकारी के अनुसार जांच दल द्वारा अस्पताल में भर्ती हुईं छात्राओं अवंतिका और आरती प्रजापति के बयान लिए हैं। अन्य छह छात्राओं के भी बयान लिए जा रहे हैं। जल्द ही इसका प्रतिवेदन जिला प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जाएगा। उन्होंने पूरा प्रकरण में जानकारी-जवाब देने का जिम्मेदारी पुन: कलेक्टर रोहित सिंह के मत्थे मढ़ दी। फिलहाल जिला अस्पताल में भर्ती दोनों छात्राओं को छुट्टी मिल चुकी है।
दबाव बनाने की सामने आ रही बात: ऐसी भी जानकारी सामने आ रही है कि पीड़ित दोनों छात्राओं के परिजनों को डराया-धमकाया भी जा रहा है। जिसके कारण वे थाने में एफआईआर नहीं करा रहे हैं। परिजनों को आशंका है कि कहीं स्कूल के शिक्षक भविष्य में बदला लेने का लक्ष्य रखकर उनकी बालिकाओं को प्रताड़ित न करने लगें, परीक्षा में फेल आदि न कर दें। तेंदूखेड़ा थाना प्रभारी अक्रजय धुर्वे ने बताया कि जैसे ही मारपीट का ये प्रकरण उनके संज्ञान में आया था, उन्होंने अस्पताल में भर्ती छात्राओं के पिता को बुलाकर पूछताछ की थी लेकिन उन्होंने आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने से इंकार कर दिया।