लाॅक डाउन की वजह से सूने पड़े खेल मैदानों पर बोले खेल प्रशिक्षक, समय को देखते हुए अभी लाॅक डाउन का पालन करना ही सही
अप्रैल तक फायनल परीक्षाएं खतम होते ही खेल मैदानों पर खिलाड़ियों का जो हजूम मैदानों पर दिखाई देता था कोरोना वायरस की वजह से हुए लाॅक डाउन ने बच्चों को घर पर रहने को मजबूर कर दिया। इन सभी गतिविधियों पर विराम लगा हुआ है लोग घरों में बंद हैं पिछले साल अप्रैल, मई, जून इन तीन महिनों में खेल मैदान पर बच्चों का जमावड़ा दिखाई देता था। बच्चे अपने पसंदीदा खेलों का अभ्यास करते दिखाई देते थे। मगर लाॅक डाउन की वजह से सारे खेल मैदान वीरान पड़े हैं। समर कैंप के माध्यम से बच्चे अपने अपने खेलों के प्रशिक्षक से खेलों की बारीकियों को सीखते थे। इस समय ही बच्चे फ्री रह पाते हैं और वो फ्री होकर खेलों का सतत अभ्यास कर पाते हैं। विभिन्न खेलों से जुड़े खेल प्रशिक्षकों से लाॅक डाउन पर मिली प्रतिक्रिया । इस संबंध में खेल प्रशिक्षको से बातचीत हुई।क्या कहते हैं खेल प्रशिक्षक –
खेलों के प्रति बच्चों का रूझान तो हमेंशा ही रहता है किन्तु ऐसी विषम परिस्थिति में हमें सोशल डिस्टेंसिग का पालन करना है और बच्चों से करवाना भी है हम जल्द ही इस महामारी के प्रकोप से छुटकारा पायेगें। बच्चों का नुकसान तो बहुत हो रहा है क्योंकि साल भर जो गतिविधयों में बच्चे हिस्सा लेते हैं उनकी सारी कमियों को गर्मी की छुट्टी के समय में दूर की जाती हैं क्योंकि इस समय बच्चे को पढ़ाई की ज्यादा चिंता नहीं होती वह फ्री होकर अपनी प्रेक्टिस करते हैं और ज्यादा समय देते हैं। अशोक नामदेव, कोषाध्यक्ष म.प्र. जूडो एसोसियेशन व नेशनल रेफरी
लाॅक डाउन का पालन करना ही सही है खेल की प्रेक्टिस तो बाद में भी हो जायेगी लेकिन अभी आवश्यकता इस बात की है की हम अपने घरों में रहे। जिससे संक्रमण से बचा जा सके। हमारा पहला ध्येय इस महामारी से बचने का है। बच्चों का नुकसान तो हो रहा है क्योंकि इसी समय पर बच्चों को ज्यादा समय मिलता है की वो अपनी प्रेक्टिस पर ज्यादा ध्यान दे पायें।
जितेन्द्र दुबे, खेल प्रशिक्षक
समर कैंप के माध्यम से बच्चों में छुपी हुई प्रतिभा को निखारा जाता है जिससे वह अपने जिले प्रदेश और देश का प्रतिनिधित्व कर सके। लेकिन इस साल कोरोना की वजह से यह संभव नही हो पाया, क्योंकि यदि गा्रउंड शुरू किये गए तो सोशल डिस्टेंसिग का पालन नही हो पायेगा, जबकि ये जो महामारी फैली हुई है उससे बचने का मात्र अभी एक ही उपाय है वो है सोशल डिस्टेसिंग जितना हम एक दुसरे के संपर्क में आने से बचेगें उतना ही हम संक्रमित होने से बचेगें और सुरक्षित रहेगें।सौरभ लेहरिया, जिला संयोजक खेल प्रकोष्ट, नरसिंहपुर