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नरसिंहपुर: जिले की मंडियों में शुक्रवार को खरीदी बंद, व्यापारी कर रहे स्टाक लिमिट का विरोध, किसानों की चिंता बढ़ी

नरसिंहपुर। जिले की कृषि उपज मंडियों में शुक्रवार को फिर अनाज व्यापारी खरीदी नहीं करेंगे। वे केंद्र सरकार द्वारा स्टाक लिमिट तय करने का विरोध कर रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि इस नियम के कारण ही जिंसों के दामों में गिरावट हो रही है और व्यापारियों के साथ मंडियों व किसानों को नुकसान हो रहा है। अभी ऐसी कोई स्थिति नहंी थी कि सरकार स्टाक लिमिट का नियम लागू करती।

करेली। नगर की मंडी में गुरुवार को हड़ताल की सूचना से अनाज की आवक में सुधार दिखा।

कृषि प्रधान जिले की प्रमुख मंडियो में इन दिनों सभी जिंसो की आवक हो रही है लेकिन जिस तरह स्टाक लिमिट का नियम लागू होने के पहले आवक थी। उसके मुकाबले अनाज कम पहुंच रहा है। जिसकी एक वजह यह भ्ाी है कि दलहन सहित कई जिंसों के दामों में लगातार गिरावट हो रही है। व्यापारी संगठनों के विरोध से शुक्रवार को नरसिंहपुर, करेली, गाडरवारा, गोटेगांव, तेंदूखेड़ा मंडी सहित अन्य उपमंडियों में सौदा कार्य बंद रहेगा। व्यापारियों का कहना है कि एक दिन की यह हड़ताल राष्ट्रव्यापी है, इसके बाद भी यदि सरकार द्वारा व्यापारियों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया गया अथवा कोई आश्वासन नहीं मिला तो राष्ट्रीय संगठन के निर्देश पर आगे की रूपरेखा तय की जाएगी। शुक्रवार को हो रही हड़ताल का एक पहलू यह भी है कि अगले दिन शनिवार और फिर रविवार का अवकाश होने से मंडियों में खरीदी होने की संभावना 19 जुलाई सोमवार से ही बनेगी। यदि व्यापारियों की एक दिन की हड़ताल के बाद कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो आने वाले सप्ताह में भी मंडी का कामकाज प्रभावित होने व खरीदी बंद रहने की स्थिति में किसानों को नुकसान होने की संभावना रहेगी।
हड़ताल से मंडी को लाखों का नुकसान: व्यापारियों की हड़ताल से मंडियों को होने वाले नुकसान ने मंडी प्रबंधन की परेशानियां भी बढ़ा दी हैं। मंडी कर्मचारियों के अनुसार एक दिन की हड़ताल से ही जिले की प्रमुख करेली, नरसिंहपुर व गाडरवारा मंडी को करीब 5-5 लाख रुपये का नुकसान होगा। जबकि अन्य मंडियों को भी आवक और सौदा के आधार पर नुकसान की स्थिति लाखों रूपये में होगी। बरसात का सीजन होने के बाद भी अभी मौसम साफ है तो मंडियों में अनाज की अच्छी आवक होने से मंडियों को अच्छा फायदा मिल रहा है। लेकिन पहले दो दिन और अब एक दिन की हड़ताल से मंडी को फिर नुकसान होने की स्थिति रहेगी।

इनका ये है कहना
मंडियों में व्यापारी जो सौदा करते है उसमें डेढ़ प्रतिशत के मान से मंडियों को राजस्व मिलता है। हड़ताल से निश्चित तौर पर मंडियों को नुकसान है। खासकर नरसिंहपुर, करेली व गाडरवारा मंडी जहां सौदा ज्यादा होते हैं उन्हें तो एक दिन में करीब 15 लाख तक का नुकसान है।
रामसेवक गुमास्ता, मंडी सचिव नरसिंहपुर

स्टाक लिमिट के विरोध में शुक्रवार को देश व्यापी हड़ताल होने से व्यापारी सौदा नहीं करेंगे। व्यापारियों के द्वारा भी किसानों को सूचना दी गई है और मंडी प्रबंधन को भी इस हड़ताल की जानकारी है। स्टाक लिमिट के नियम से व्यापारी और किसानों दोनों को नुकसान है।
कीर्तिराज लूनावत, अध्यक्ष ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन गाडरवारा