नरसिंहपुर: स्टाक लिमिट को लेकर देर रात आया आदेश, व्यापारियों ने बंद की खरीदी, सड़क पर किसान, भड़के कांग्रेस अध्यक्ष

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नरसिंहपुर। मूंग को छोड़ दलहनी उपज की खरीदी में स्टाक लिमिट को लेकर शुक्रवार देर रात आए केंद्र सरकार के आदेश ने जिला व प्रदेश के व्यापारियों को आक्रोशित कर दिया।

करेली। शनिवार को खरीदी न होने से सड़क पर खड़े किसान।

नतीजा ये रहा कि शनिवार को व्यापारियों ने विरोध जताते हुए जिले की सभी मंडियों में बोली लगाने से इंकार कर दिया। इससे उपज बेचने आए किसानों का पारा भी बढ़ गया और कहीं-कहीं उन्होंने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन भी किया। स्टाक लिमिट को लेकर केंद्र सरकार के आदेश को बेतुका बताकर जिला कांग्रेस अध्यक्ष पं. मैथिलीशरण तिवारी ने भी अपनी भड़ास निकाली।

करेली। किसानों के विरोध को देख अधिकारियों ने की व्यापारियों के साथ बैठक।

शनिवार को जिले की तीन प्रमुख मंडियों नरसिंहपुर, करेली एवं गाडरवारा में अनाज की खरीदी का कार्य बुरी तरह बाधित रहा। करेली में सुबह से अनाज लेकर आए किसानों को जब मंडी में व्यापारी नहीं दिखे तो उन्होंने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रशासन जागा और मंडी में बैठक कर जो किसान आए उनके अनाज की खरीदी कराई। इसी तरह नरिंसंहपुर में सिर्फ मूंग-उड़द की खरीदी हो सकी जबकि गाडरवारा में खरीदी बंद रही।


जिले के अनाज व्यापारियों द्वारा केंद्र द्वारा लागू स्टाक लिमिट का विरोध करते हुए शनिवार को मंडियों से दूरी बनाई गई और कामकाज स्थगित रख गया। नरसिंहपुर मंडी में सुबह साढ़े 10 बजे से खरीदी होना थी लेकिन व्यापारियों ने लिमिट के फैसले को लेकर विरोध शुरू किया। मंडी सचिव ने व्यापारियों से कहा कि लिमिट में मूंग नहीं है और आज तो मूंग-उड़द का ही दिन तो खरीदी हो सकती है। मंडी सचिव आरएस गुमास्ता ने बताया कि मंडी मंे करीब 2 हजार बोरा मूंग और करीब 90 बोरा उड़द के सौदा हुए है। व्यापारियों ने 5 जुलाई से खरीदी न करने की बात कही है। वहीं जिले की प्रमुख मंडियों मंे शुमार करेली मंडी में शनिवार को बड़ी संख्या में किसान अनाज लेकर पहुंचे लेकिन यहां जब कोई व्यापारी नहंीं दिखे और किसानों को पता चला कि स्टाक लिमिट लागू होने से व्यापारी खरीदी नहीं करेंगे तो किसानों का सब्र जबाब दे गया। किसानों ने मंडी कार्यालय जाकर मंडी को चालू करने की मांग रखी और कहा कि व्यापारियों को यदि खरीदी नहीं करना था तो इसकी जानकारी पहले दी जाती। खरीदी न होने से विरोध करते हुए व्यापारी सड़क पर आए तो प्रशासन ने सक्रियता दिखाना शुरू कर दिया और कुछ देर में ही एसडीएम आरएस बघेल, तहसीलदार नितिन राय मंडी पहुंच गए। यहां अधिकारियों ने किसानों और व्यापारियों के साथ काफी देर तक बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि शनिवार को जो किसान अपनी उपज लेकर आए है उसको खरीदा जाए और व्यापारी अपनी समस्या लिखित रूप में प्रशासन को दें। इस फैसले के बाद मंडी में खरीदी का कार्य शुरू हुआ।
ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन का निर्णय: ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सोमवार 5 जुलाई को लिखित रूप में मंडी प्रशासन को खरीदी बंद करने का पत्र देकर खरीदी बंद करेंगे। सरकार के निर्णय से नाराज व्यापारी कह रहे है कि सरकार को कोई भी आदेश लाने के पहले इसकी पूर्व सूचना तो देनी चाहिए। सरकार ने आदेश निकाला और तत्काल लागू भी कर दिया है ऐसी स्थिति में सभी को परेशानियां होती हैं और यही वजह है की हम व्यापारियों ने अनाज की खरीदी बंद की थी। जबकि अभी भी समर्थन मूल्य से कम में ही सभी प्रकार की जिंस बाजार में बिक रही थी। ऐसी स्थिति में यह आदेश लाना कहां तक उचित है और इसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ रहा है। एक और जहां इस निर्णय से व्यापारी नाराज हैं तो वहीं दूसरी ओर किसानों को भी इस निर्णय का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। आखिर ऐसी स्थिति में किसान अपनी उपज का क्या करें, वर्तमान मौसम बारिश का भी है ऐसे में उपज को सहेज कर रखना भी किसानों के लिए मुश्किल भरा काम है। सरकार के निर्णय से व्यापारियों ने जो खरीदी बंद की है उसका सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है। करेली के ही व्यापारी आयुष मंडलोई कहते है कि अनाज व्यापार के लिए सरकार द्वारा रातोंरात आर्डर पास करके हानि पहुंचाई गई है जो सही नहीं है। इसी कारण से हमने खरीदी बंद की है। ग्रेन मर्चेट एसोसिशन के सहसचिव अमित छेड़ा कहते है कि सरकार द्वारा अचानक से लिया गया यह फैसला व्यापारियों के हित में नहीं है। शनिवार को किसानों की समस्या देखकर खरीदी की गई है लेकिन सोमवार 5 जुलाई से यह खरीदी पूरी तरह बंद रहेगी। मंडी प्रशासन को लिखित रूप से अवगत कराया जाएगा। वहीं जिला अनाज दलहन तिलहन एवं दाल उत्पादक संघ के जिला अध्यक्ष हंसराज मालपानी, महामंत्री ताराचंद शाह, उपाध्यक्ष सतीश नेमा, कोषाध्यक्ष सुरेश नेमा ने भी 5 व 6 जुलाई को खरीदी बंद करने का निर्णय लिया है।

नरसिंहपुर। मैथिलीशरण तिवारी।

केंद्र और राज्य सरकार के बेतुके निर्णयों से हर वर्ग परेशान- तिवारी
भाजपानीत केंद्र और राज्य सरकार के बेतुके निर्णयों के कारण समाज का हर वर्ग परेशान है। खासकर कृषि और इससे जुड़े व्यापार क्षेत्र में अपनाई जा रही नीतियां किसानों की कमर तोड़ने वाली साबित हो रही। खानपान समेत रोजमर्रा की जरूरत वाले सामानों के आसमान छू रहे हैं, लेकिन इस पर लगाम कसने के बजाय सरकारें समस्या को और विकराल बना रहे हैं। ये बात जिला कांग्रेस अध्यक्ष पंडित मैथलीशरण तिवारी ने जारी बयान में कही। श्री तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अनाज खरीदी की स्टॉक सीमा को मनमाने ढंग से तय कर जहां अनाज व्यापारियों को संकट में डाल दिया है वहीं किसान भी अपनी उपज नहीं बेच पा रहे हैं। प्रदेश सरकार के बेतुके निर्णय के कारण जिला समेत पूरे प्रदेश की मंडियों में व्यापारी हड़ताल पर चले गए हैं। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। श्री तिवारी का कहना है कि एक तरफ सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का दंभ भरती है तो दूसरी तरफ अप्रसांगिक निर्णय लेकर अपने ही दावों को झुठलाने लगती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों के अधीन काम कर रही है। पेट्रोल-डीजल और गैस सिलिंडर के बढ़ते दामों ने गरीब, मध्यवर्ग के सामने गुजारे का संकट पैदा कर दिया है लेकिन भाजपानीत सरकार को महंगाई नजर ही नहीं आ रही।

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