नई दिल्ली। इस्पात एवं पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज इस्पात मंत्रालय द्वारा ‘कोविड-19 की अवधि में काम-काज‘ पर आयोजित एक वेबीनार को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधान ने कहा कि देश अब अनलॉक चरण में प्रवेश कर चुका है और लोग अपने कामकाज पर लौटने लगे हैं , हमें यह अवश्य समझना चाहिए कि वायरस यहां पूरी तरह मौजूद है और यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सभी प्रकार की सावधानियां बरती जाएं और जीवन तथा आजीविका के बीच संतुलन स्थापित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान हमने कोविड 19 महामारी से लड़ने के लिए उल्लेखनीय सफलता के साथ नवाचार एवं प्रक्रियाएं स्थापित की हैं और संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए विशेषज्ञों की सभी अनुशंसाओं का अनुपालन करने, सामाजिक डिस्टैंसिंग सुनिश्चित करने, मास्क पहनने, अपने हाथों को धोते रहने की आवश्यकता की चर्चा की है।
इस अवसर पर इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने महामारी से लड़ने में इस्पात सीपीएसई की भूमिका, भारत में उच्च रिकवरी दर, सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज और एक अधिक स्वस्थ जीवन शैली का अनुसरण करने की आवश्यकता की चर्चा की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों एवं जनजातीय प्रदेशों में रहने वाले लोग शहरी लोगों की तुलना में अपेक्षाकृत कम प्रभावित हुए हैं और इसकी बड़ी वजह उनकी जीवनशैली, भोजन की आदतें तथा प्रकृति के साथ उनकी निकटता हो सकती है।
दिल्ली के एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप सिंह गुलेरिया ने उन कदमों की चर्चा की जिन्हें काम पर वापस जाते समय संक्रमण के जोखिम को न्यूनतम बनाने के लिए उठाये जाने की जरुरत है। इनमें संक्रमण के प्रसार के जोखिम को रोकने के लिए मास्क पहनने की नई सामान्य आदत, सामाजिक डिस्टैंसिंग सुनिश्चित करना, हाथों को धोते रहना, स्व निगरानी करना, कांटैक्ट ट्रेसिंग और कार्यस्थल अभ्यासों में तालमेल बिठाना शामिल है।
आयुष मंत्रालय के एमडीएनआईवाई के निदेशक डॉ. ईश्वर वीय बासवराड्डी ने कुछ मूलभूत योग मुद्रा एवं आसनों की व्याख्या की जो इम्युनिटी को बढ़ाने तथा स्वस्थ रहने में मददगार हो सकती हैं।
इस वेबीनार में इस्पात मंत्रालय तथा इसकी सीपीएसई के अधिकारियों ने भी भाग लिया।