नरसिंहपुर के पंडितजी ने सूतक के बाद भी काशी विश्वनाथ धाम का प्रधानमंत्री मोदी से कराया लोकार्पण, मचा विवाद

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*✍🏻श्रीकांत मिश्रा ‘शिवा’*
नरसिंहपुर। पिछले दिनों वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। इस दौरान गर्भ गृह में पूजन अर्चन भी किया गया था। गौरव की बात ये रही कि ये लोकार्पण व पूजन-अर्चन जिन पंडितजी ने कराया था, वे नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा तहसील से गहरा ताल्लुक रखते हैं। बावजूद इसके अब बड़ा विवाद ये सामने आ रहा है कि इन पंडितजी के घर में मृत्यु के कारण सूतक लगा हुआ था। इस बात को छिपाते हुए पंडितजी ने पीएम मोदी के हाथाें सारे अनुष्ठान करा दिए। इस मामले की शिकायत पीएमओ तक की गई है। इस प्रकरण को लेकर उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक गहमागहमी देखने को मिल रही है।विवाद और शिकायत का दायरा अब पीएमओ यानी प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुका है।
देश के एक प्रतिष्ठित हिंदी अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार बीती 13 दिसंबर को वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पंडितजी श्रीकांत मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण संपन्न कराया था। इसके बाद उन्होंने मंदिर स्थित गर्भगृह में विभिन्न पूजन-अर्चन भी कराया था। इस अनुष्ठान के चंद दिन बाद एक शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय को प्राप्त हुई, जिसमें बताया गया कि जिस अर्चक ने ये लोकार्पण व अनुष्ठान कार्यक्रम संपन्न कराया है, उसके घर में मृत्यु के कारण सूतक लगा हुआ था।हालांकि अखबार का दावा रहा कि पंडितजी ने पुरजोर तरीके से इस तरह के आरोपों को विरोधियों की साजिश करार दिया था।ये मामला जैसे ही सामने आया वैसे ही इसकी विभिन्न माध्यमों के जरिए पड़ताल शुरू हो गई। शिकायत की कॉपी मिलने पर ये दावा किया गया कि पंडित श्रीकांत मिश्रा का संबंध मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील से है। जहां पर बीती 5 दिसंबर को श्रीकांत मिश्रा के सगे चचेरे भाई रविकांत मिश्रा के पुत्र वेदप्रकाश मिश्रा की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।6 दिसंबर को शव के दाह संस्कार से लेकर उत्सव भवन गाडरवारा में 18 दिसंबर तक आयोजित तेरहवीं व श्रद्धांजलि कार्यक्रम तक श्रीकांत मिश्रा, उनकी माताजी व पत्नी की सहभागिता रही थी। इस बात की पुष्टि खुद कथित श्रीकांत मिश्रा के बेहद करीबी रिश्तेदार रविकांत मिश्रा ने की है।
ये है सीधा रिश्ता: कथित रूप से वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ धाम के जिन श्रीकांत मिश्रा की बात हो रही है। उनके बारे में शिकायत के अनुसार दावा ये है कि गाडरवारा में निवासरत व पूर्व में शिक्षा विभाग के कर्मचारी रहे स्व. त्रिलोकनाथ मिश्रा उर्फ लोकनाथ मिश्रा काशी विश्वनाथ मंदिर के पंडित श्रीकांत मिश्रा के ताऊजी थे।जबकि मृतक वेदप्रकाश मिश्रा पंडितजी के भतीजे थे। यानी रविकांत मिश्रा और श्रीकांत मिश्रा दोनों सगे चचेरे भाई थे।इस लिहाज से सूतक का असर श्रीकांत मिश्रा के परिवार पर भी उतना ही था, जिनका पुत्र वियोग में डूबे शोक संतृप्त रविकांत मिश्रा पर था। बहरहाल सच्चाई क्या है, इसकी जांच व निष्कर्ष का दायित्व उत्तरप्रदेश के वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन व प्रधानमंत्री कार्यालय पर केंद्रित है।

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