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niryapak muni shri sambah sagar ji

आत्मा का कोई संबंधी नहीं है, आत्मा का न भाई, न पत्नि, न पिता, न माता, न पुत्र, न सखा: मुनि श्री संभव…

नरसिंहपुर। पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर कंदेली में निर्यापक मुनि श्री संभव सागर जी ससंघ विराजमान हैं मुनिवर ने ग्रीष्मकालीन वाचना के दौरान श्रावको को तत्वार्थ सूत्र का अमृतपान कराते हुये बताया कि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में सदाचरण, शील,…
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