श्रीमद् भागवत कथा सत्संग में श्रीकृष्ण-सुदामा चरित्र एवं परीक्षित मोक्ष की कथा सुनने उमड़ी…
हमें शिक्षा लेना चाहिए कि हम भी अपने जीवन में श्रीकृष्ण और सुदामाजी जैसी मित्रता के भाव को, समर्पण को आत्मसात करें। जिससे हमारा जीवन भी धन्य हो सके और हमें ज्ञात हो सके कि जीवन में मित्र का मूल्य क्या होता है, मित्रता कैसी होना चाहिए।