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नरसिंहपुर: जब युवक लगा रहा था फांसी तब नींद में बेसुध थे पलोहा के पुलिसकर्मी, अब मानवाधिकार आयोग ने भी मांगा जवाब

तेंदूखेड़ा/नरसिंहपुर। पलोहाबड़ा थाने में जब जंजीरों से जकड़ा, पिलर से बंधा दुष्कर्म का आरोपी वीरेंद्र लोधी हथकड़ी बंधे हाथों से फांसी लगा रहा था तब पुलिसकर्मी गहरी नींद में बेसुध थे। इस कारण उन्हें जंजीरों की खनक सुनाई नहीं दी। ये बात घटना की जारी न्यायिक जांच के बीच पुलिस अधिकारी कह रहे हैं। वहीं पुलिस अभिरक्षा में हुई युवक की मौत के बाद प्रदेश के मानवाधिकार आयोग ने भी घटना को स्वत: संज्ञान में लिया है। गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष जस्टिस नरेंद्र कुमार जैन पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव के नाम नोटिस जारी किया है। इसमें उनसे घटना के संबंध में 21 दिन के भीतर जवाब देने कहा गया है।
विदित हो कि मंगलवार की रात करीब 2.30 बजे पलोहाबड़ा थाने में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी वीरेंद्र पिता पंचमलाल लोधी उम्र 35 साल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। बुधवार को पुलिस ने मौत का कारण आरोपित द्वारा फांसी लगाना बताया था। इस घटना के कुछ घंटे बाद ही पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी सरोज ठाकुर के अलावा एएसआई पंचमलाल उइके, आरक्षक सिद्धार्थ शर्मा और दीपक राजपूत को निलंबित कर दिया था। मामले की जांच जिला न्यायाधीश की निगरानी में जारी है।
अवैध रूप से रखा अभिरक्षा में : पलोहा थाना पुलिस ने नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के आरोप में रायसेन जिले के रिछावर नयाखेड़ा निवासी वीरेंद्र पिता पंचमलाल लोधी उर्फ टंटू को पीथमपुरा इंदौर से गिरफ्तार किया था। आरोपित को न्यायालय में पेश करने के बजाय थाना प्रभारी सरोज ठाकुर ने उसे दो दिन तक पुलिस अभिरक्षा में रखा। चूंकि थाने का लाकअप खराब था इसलिए थाना प्रभारी के आदेश पर आरोपित के पैर में जंजीर डालकर उसे पास स्थित पिलर में बांध दिया गया था। हाथों में हथकड़ी डाल दी गई थी। पुलिस की कहानी के मुताबिक, मंगलवार की रात करीब ढाई बजे आरोपित ने पैर में बंधी जंजीर को गले में लपेटकर फांसी लगा ली। हालांकि ये बात परिजनों के साथ-साथ आम आदमी के गले भी नहीं उतर रहा है। परिजनों का तो यहां तक आरोप है कि वीरेंद्र लोधी के साथ पुलिसकर्मियों ने मारपीट की थी, जिससे उसकी मौत हुई है।
थाने में सो रहा था स्टाफ: कथित आत्महत्या की जो कहानी पलोहा पुलिस ने गढ़ी उस पर तत्काल सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे। मीडियाकर्मियों द्वारा भी पूछा जाने लगा कि रात को पैर में बंधी मोटी लोहे की जंजीरों को जब आरोपी अपने गले में लपेट रहा था तो क्या थाने में कोई नहीं था, या फिर लोहे की खनक किसी ने सुनी ही नहीं। वहीं घटना की जारी जांच के दौरान गुरुवार पुलिस अधिकारी अब ये कह रहे हैं कि जब आरोपी फांसी लगा रहा था तो थाने का पूरा स्टाफ गहरी नींद में सोया हुआ था।
बघेल को बनाया पलोहा का थाना प्रभारी: दुष्कर्म के आरोपित की मौत मामले के बाद थाना प्रभारी सरोज ठाकुर को निलंबित कर पुलिस लाइन में अटेच कर दिया गया है। गुरुवार को श्रीमती ठाकुर ने जिला मुख्यालय में आमद भी दे दी। वहीं पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव ने पलोहाबड़ा थाने के नए प्रभारी के रूप में एसआइ धर्मराज बघेल की तैनाती की है। इन्होंने अपना कार्यभार संभाल लिया है। इसके पदस्थापना के पूर्व श्री बघेल गाडरवारा थाने में पदस्थ थे।
इनका ये है कहना
पलोहाबड़ा थाने में जिस वक्त आरोपित फांसी लगा रहा था उस दौरान मौजूद पुलिस स्टाफ सो गया था, इस कारण किसी को कुछ नहीं पता चल पाया। हालांकि इस घटना की न्यायिक जांच जारी है। पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा पलोहाबड़ा थाने में नए प्रभारी के रूप में धर्मराज बघेल की नियुक्ति की है। उन्होंने अपना कार्यभार संभाल लिया है।
मेहंती मरावी, एसडीओपी, तेंदूखेड़ा