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पट्टे पर मिली दलित की भूमि की दबंगों ने करा ली रजिस्ट्री

 

नरसिंहपुर । गाडरवारा तहसीलदार के क्षेत्राधिकार अंतर्गत पनारी गांव में एक दलित को पट्टे पर मिली जमीन को धोखाधड़ी से दबंगों ने अपने नाम करा लिया। दबंग पहले इस जमीन को दलित से सिकमी पर लेते रहे । इस संबंध में पीडि़त रामफल ने एसपी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। मामले में राजस्व विभाग की भूमिका संदिग्ध है।
एसपी से की गई शिकायत के अनुसार पटवारी हल्का नंबर 79 / 159 खसरा नंबर 300 /15 की जमीन रामफल को १९७८-८० में किए गए पट्टा वितरण में शासन की ओर से दी गई थी। पनारी गांव के कुछ दबंग उसकी जमीन को कई वर्षों से सिकमी पर ले रहे थे । रामफल अनपढ़ है और उसे अक्षरज्ञान नहीं है। सिकमी नामा लिखाने के लिए दबंग उसे गाडरवारा तहसील ले जाते थे । उसके अनपढ़ होने का लाभ उठाकर तीन पुरुषों सहित दो महिलाओं ने राजस्व कर्मचारियों से मिलकर धोखाधड़ी कर उसकी जमीन दो महिलाओं के नाम करा दी । झूठा विक्रय पत्र तैयार करा कर उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया। उसकी जमीन दूसरों के नाम पर होने की जानकारी उसे तब मिली जब वह 25 सितंबर को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के लिए फॉर्म जमा करने गया । पटवारी ने उसे बताया कि उसकी जमीन दो महिलाओं के नाम पर दर्ज कर दी गई है। जब वह उन महिलाओं के घर पर गया तो वहां के पुरुषों ने उसे जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया मारने और गांव से भगा देने की भी धमकी दी। उसे हिदायत दी कि अब उस जमीन में पांव नहीं रखे। शिकायतकर्ता ने बताया है कि वह अत्यंत गरीब है , उसका एक बेटा विकलांग है उसकी पत्नी नेत्रहीन है । इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि उसकी जमीन पट्टे की थी जो कलेक्टर की अनुमति के बिना बेची नहीं जा सकती । इस पूरे मामले को लेकर राजस्व विभाग भी सवालों के कटघरे में है। अब इस संबंध में न तो तहसीलदार कोई बात कर रहे हैं न संबंधित पटवारी। इस मामले में यह भी ध्यान देने योग्य है कि सरकारी जमीन जो दलित को पट्टे पर मिली थी उसके नाम से दर्ज थी विगत वर्षों में फसल नुकसान का मुआवजा भी उसे मिला था। प्रधानमंत्री सम्मान निधि भी उसको मिल रही थी फिर अचानक उसका नाम उक्त जमीन से कैसे कट गया। रजिस्ट्री तो फर्जी कागज लगा कर हो सकती है लेकिन बैनामा पास कर नामांतरण कैसे हो गया।

पट्टे की जमीन को बेचा नहीं जा सकता। इसके लिए कलेक्टर से अनुमति लेनी पड़ती है। पीडि़त पक्ष खसरा की प्रमाणित प्रति प्राप्त कर कलेक्टर को शिकायत करें । मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी। दलितों की जमीन धोखाधड़ी हड़पने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।
मनोज ठाकुर, एडीएम