जिले में अवैध कॉलोनियों की जांच करेगा दल

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नरसिंहपुर। आम आदमी को विकास और सुविधाओं का सब्जबाग दिखाकर कॉलोनियां काटने वाले मकान-प्लाट बेचकर या तो रफूचक्कर हो जाते हैं या फिर सरकारी महकमें में सांठगांठ कर रहवासियों को समस्याग्रस्त बनाए रखते हैं। जिले में दर्जनों ऐसी कॉलोनियां है, जो तय मापदंडों को पूरा न करने के कारण नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध घोषित हैं। इसी तर्ज पर और भी कॉलोनियां बनाई जा रहीं हैं। इसके मद्देनजर कलेक्टर वेदप्रकाश ने जांच दल का गठन किया है। ये दल गांवों और शहरों में अवैध रूप से बसाई जा रही कॉलोनियों की पड़ताल करेगा।
कलेक्टर वेदप्रकाश के निर्देशानुसार इस जाँच दल में संबंधित अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, तहसीलदार, पटवारी, मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारी होंगे। अधिकारियों का ये दल कॉलोनी बसाने वाले के लाइसेंस, नगर व ग्राम निवेश से कॉलोनी की संरचना के प्रमाणीकरण समेत मूलभूत सुविधाओं के परिपालन में किए गए या किए जा रहे विकास कार्यों का अवलोकन करेगा। खामी पाए जाने पर दोषी कॉलोनाइजर के खिलाफ मुकदमा कायमी की कार्रवाई की जाएगी। जिला मुख्यालय की बात करें तो यहां पर करीब 50 कॉलोनियां अवैध हैं। इन कॉलोनियों का विकास शुल्क जमा न होने के कारण यहां मूलभूत सुविधाओं जैसे नाली, जल सप्लाई और पक्की सड़कों का निर्माण नहीं हो पाया है। ऐसे ही हालात जिले की करेली, गोटेगांव, गाडरवारा, तेंदूखेड़ा तहसीलों के हैं। विदित हो कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने अवैध कॉलोनियों को वैध न करने का निर्देश जारी किया है। इसी के मद्देनजर जिला स्तर पर अवैध कॉलोनियों की पड़ताल शुरू की जा रही है।

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