जोधपुर से आए ईशांत का भगवान महाकाल के दर्शन का सपना हुआ पूरा
जोधपुर से आए ईशांत ने बताया कि मात्र 20 से 25 मिनट में उन्हें भगवान महाकालेश्वर के दर्शन हो गए। ईशांत को भली-भांति पता था कि हर वर्ष महाशिवरात्रि पर भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
उनके मन में यह शंका थी की क्या पता भगवान महाकाल के दर्शन हो सकेंगे या नहीं। लेकिन उन्हें उम्मीद भी नहीं थी कि मात्र 25 मिनट में उन्हें भगवान महाकालेश्वर के दर्शन आसानी से हो जाएंगे। यहां आकर उनका सपना पूरा हुआ और वह जय महाकाल बोलते हुए खुश होकर अपने घर के लिए रवाना हुए।
दिव्यांग ने की निशुल्क जल सेवा
महाशिवरात्रि पर्व पर एक और जहां पूरा प्रशासन मंदिर में श्रद्धालुओं की सेवा तथा व्यवस्था के लिए मुस्तैद था, वही आम नागरिक भी भगवान महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा के लिए तत्पर थे। शायद यह भगवान महाकाल की पावन नगरी का प्रताप ही है कि यहां रहने वालों में सेवा भाव प्रमुख माना जाता है। प्रशासनिक अधिकारी भी महाशिवरात्रि जैसे विशेष पर्व पर मंदिर में ड्यूटी नहीं बल्कि सेवा भाव से कार्य करते हैं। शहर के गौरव विश्वकर्मा दिव्यांग है लेकिन उनके सेवा के जज्बे की सभी ने उस समय तारीफ की, जब उन्होंने स्वयं के व्यय से श्रद्धालुओं को पानी की बोतलें वितरित की। गौरव इस सेवा को ही ईश्वर की सेवा मानते हैं। उनका मानना है कि उज्जैन के हर करण में भगवान महाकाल बसते हैं।ऐसे में महाशिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं की सेवा करने का मौका भला वे कैसे छोड़ सकते थे।