केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा आयोजित ‘21वीं ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस ऑफ डायरेक्टर्स, फिंगरप्रिंट ब्यूरो – 2020’ का आनलाइन उद्घाटन किया।
फिंगरप्रिंट निदेशकों के दो दिवसीय अखिल भारतीय सम्मेलन के दौरान बोलते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि क्राइम ट्रैकिंग की दिशा में फिंगरप्रिंट की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमारे अंगुली छाप (फिंगरप्रिंट) से जांच में बहुत मदद मिलती है और यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण टूल के रूप में काम करता है। श्री रेड्डी ने कहा कि अंगुली छाप (फिंगरप्रिंट) एक क्राइम सीन को दूसरे से जोड़ने के साथ यह भी बताता है कि क्या उसमें एक या एक से अधिक व्यक्तियों की भागीदारी रही। फिंगरप्रिंट के द्वारा अपराध करने वाले के क्राइम रिकॉर्ड का भी पता चलता है। श्री रेड्डी ने कहा की डिजिटलाइजेसन होने तथा नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट सिस्टम (NAFIS) एक्टिव होने से अपराध नियंत्रित करने में और अधिक सफलता प्राप्त होगी।
श्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि अक्टूबर माह राष्ट्रीय साइबर अपराध जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है और इस महीने में ई-साइबर लैब का उद्घाटन होना खुशी की बात है। श्री रेड्डी ने कहा कि 2 दिन की यह कॉन्फ्रेंस अंगुली छाप (फिंगरप्रिंट) के द्वारा अपराध को रोकने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी और हम अपराध मुक्त एक बेहतर समाज के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
कॉन्फ्रेंस में अपना वक्तव्य देते हुए राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के निदेशक रामफल पँवार ने कहा कि नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट सिस्टम (NAFIS) एक गेम चेंजर साबित होगा और इसके माध्यम से अपराध जांच में मदद मिलेगी। सभी राज्यों और यूनियन टेरटरीस (यूटी) द्वारा नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट सिस्टम (NAFIS) का प्रयोग किया जाएगा।
इस मौके पर गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों सहित वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एवं राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के गुजरात, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में स्थित प्रशिक्षण संस्थानों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।