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तेंदूखेड़ा। अल्प वेतन पर लंबे समय से स्कूलों में सेवाएं देने वाले अतिथि शिक्षकों को बजट आवंटन के बाद भी वेतन नहीं दिया जा रहा है। बताया जाता है कि माह मई एवं जून का बजट आवंटित करने के संबंध में लोक शिक्षण संचलनालय ने पत्र भी जारी किया है। जिसमें प्रदेश की समस्त शालाओं को अतिथियों का वेतन भुगतान संबंधी आदेश जारी करते हुए बजट राशि भी आवंटित कर दी गई है। लेकिन प्राचार्यों और जिले में बैठै अधिकारियों का इन अतिथियों के प्रति उपेक्षित नजरिया होने से एक माह बाद भी भुगतान नहीं हो पाया है। गौरतलब रहे कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते पिछले डेढ़ दशकों से अतिथि शिक्षक अल्पवेतन पर अपनी सेवाएं देते हुए नियमित शिक्षकों का सहयोग कर उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम लाने के साथ-साथ शैक्षणिक हर गतिविधि को समय पर पूर्ण कराते है। इन शिक्षिकों द्वारा लगातार अपने नियमितिकरण की मांग भी की जा रही है लेकिन वह विषय तो दूर रहा उन्हें उनकी मेहनत की राशि मुहैया नहीं कराई जा रही है। कोरोना संक्रमणकाल के दौरान ऐसे बहुत से अतिथि शिक्षक है जिनके परिजन बच्चे और अतिथि स्वयं संक्रमण के शिकार हुए है। इलाज पर खासी रकम खर्च करने के बाद आर्थिक संकट से जूझ रहे है। शासन द्वारा इनके प्रति संवेदनाए दिखाते हुए मई एवं जून माह का भ्ाी वेतन दिये जाने का निर्णय लिया है। निश्चित तौर पर यह वेतन उनके लिए एक बहुत बड़ी मदद सिद्ध होगी। लेकिन जिला अधिकारियों के द्वारा वेतन भुगतान कराने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है। अतिथि शिक्षकों ने बताया कि प्रदेश के विभ्ािन्न् जिलों में राशि आवंटित हो गई है लेकिन चांवरपाठा विकासखंड के बहुत से अतिथि शिक्षक वेतन को लेकर परेशान बने हुए है। अतिथि शिक्षक संघ्ा के विकासखंड स्तर के समस्त पदाधिकारियों एवं अतिथियों ने शीघ्र ही वेतन दिलाए जाने की मांग की है।