इसलिए आक्रोश: ज्ञापन देने पहुंचे जिले के वन अधिकारी अरविंद अहिरवार, श्रुति राठौर, दिनेश मालवीय, एससी जादम ने बताया कि पिछले दिनों वन अधिकार उत्सव दिवस पर मुख्यमंत्री व प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री ने नाकेदार व रेंजरों के विरुद्ध अभद्रत भाषा का प्रयोग किया था। ज्ञापन में कहा गया कि सिर्फ वन ही नहीं राजस्व क्षेत्र में भी अतिक्रमण बढ़ा है। माफियाओं द्वारा वन अमले पर प्राणघातक हमले किए जा रहे हैं। नेपानगर, बुरहानपुर, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, दमोह, भोपाल, रायसेन व खंडवा जिलों में व्यापक स्तर पर अतिक्रमण के मामले सामने आए हैं। इसमें वन क्षेत्रपाल, वरिष्ठ अधिकारी व कई वनकर्मी अकाल मृत्यु को प्राप्त कर चुके हैं। इसके बाद भी शासन के उदासीन व सुस्त रवैए से वन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। उनका संरक्षण खुले मंच से जनप्रतिनिधियों द्वारा किया जा रहा है। इससे वन व वन्यप्राणियों की सुरक्षा में तैनात संपूर्ण वन अमले के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। वे खुद को ठगा सा असहज व असुरिक्षत महसूस कर रहे हैं।