नरसिंहपुर। वन व वन्यजीवों की सुरक्षा करने के मामले में वन विभाग के अफसर सिर्फ कुर्सी तोड़ रहे हैं। जंगल के नुकसान से उन्हें लगता है कोई लेना-देना नहीं है। हिरनपुर के जंगल में रीछ का कंकाल फिलहाल इसी तरह की दास्तां बयां कर रहा है। यहां पर रीछ का जो शव मिला है, उसकी चमड़ी पूरी तरह से गायब है। सिर्फ पैर के पंजे व चंद अवशेषों से रीछ की पहचान हो पा रही है। इस बारे में वन विभाग के अधिकारियों को जानकारी तक नहीं है। इस संबंध में बताए जाने पर वे उल्टा ये सवाल खड़ा कर रहे हैं कि आखिर आपको बताया किसने?
बरमान वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले जंगल में वनों की अवैध कटाई और वन परिक्षेत्र में अवैध रुप से ईंट भट्टे चलने के मामले तो लंबे समय से सुर्खियों में रहे हैं। लेकिन अब जंगल में वन्यजीवों के कंकाल भ्ाी देखे जाने लगे हैं।जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्र के तहत आने वाली हिरनपुर वीट में एक स्थान पर रीछ का कंकाल देखा गया है। जिस स्थान पर यह कंकाल पड़ा है उसी के आसपास रीछे के पंजे और पैरों का कुछ हिस्सा पड़ा है। जिससे आशंका है कि रीछ का कुछ दिनों पहले शिकार किया गया है अथवा रीछ की किसी घटना में मौत हुई है। लेकिन यह कंकाल वन विभाग के अमले को नहीं दिख सका है और न ही इस मामले में विभाग को कुछ जानकारी मिल सकी है। स्थिति यह है कि विभाग के आला अफसरों को भी घटना की जानकारी नहीं है। इस संबंध में वन परिक्षेत्र अधिकारी सुरेशचंद जादम का कहना रहा कि मैंने पता कराया है कि रीछ का कंकाल करीब 10 दिन पुराना है। हो सकता है रीछ आपस में लड़ें हो और उसकी मौत हो गई हो। कोई जानवर उसे खा गया होगा इसलिए वहां कंकाल पड़ा हैं। मुझे पता चला कि मामले में पंचनामा भी बनवाया है।