जिला अस्पताल बना अखाड़ा, कोरोना की जंग में नरसिंहपुर विधायक-कलेक्टर आमने-सामने
पीपीई किट को लेकर बढ़ा विवाद
नरसिंहपुर। जिले में स्वास्थ्यकर्मियों के पास पीपीई किट की कमी का विवाद गहराने लगा है। वहीं विवाद के चलते जिला अस्पताल अखाड़े की भूमिका में है। जहां कोरोना संक्रमण से जंग कर रहे चिकित्सकों के अलावा नरसिंहपुर विधायक और कलेक्टर पीपीई किट के मामले में आमने-सामने आ गए हैं।
जिला अस्पताल दो दिन पहले पहुंचे नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल मुन्ना भैया ने पैरों में पॉलीथिन पहनकर काम रहे चिकित्सकों के प्रति संवेदना जताते हुए जिला प्रशासन पर मनमानी करने का आरोप लगाया था। मुन्ना भैया ने कहा था कि हमारे चिकित्सक असुरक्षित हैं, उनके पास पीपीई किट नहीं है। जबकि उनके द्वारा आपदा राहत कोष में दस लाख रुपए का दान दिया जा चुका है। मीडिया में जब ये मामला तेजी से उछला तो कलेक्टर दीपक सक्सेना ने विधायक के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। बुधवार को दिए अपने बयान में उनका कहना था कि जिले में पीपीई किट की कोई कमी नहीं है।
कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि आज तक उन्हें किसी डॉक्टर्स, सिविल सर्जन या सीएमएचओ ने पीपीई किट की कमी की शिकायत नहीं की है। हां ये जरूर हो सकता है कि जिला अस्पताल के डॉक्टर्स और सीएमएचओ के बीच कोई मतभेद हो। उन्होंने ये भी कहा कि अस्पताल में यदि पीपीई किट की जरूरत है तो उसे खरीदने से लेकर वितरण करने का दायित्व भी सीएमएचओ को ही है। यदि किसी चिकित्सक को पीपीई किट चाहिए तो वह सीएमएचओ से मांग करे, यदि न मिले तो फिर हमें शिकायत दे। विधायक जालम सिंह के आरोपों पर उनका कहना था कि मंगलवार शाम को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में उन्होंने इस तरह की कमी का कोई जिक्र नहीं था।
वीडियो में सुनें कलेक्टर ने क्या कहा