नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और सैन्य मामलों के विभाग के सचिव जनरल बिपिन रावत, थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवाणे, नौसेना प्रमुख स्टाफ एडमिरल करमबीर सिंह और वायु सेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आर के एस भदौरिया के साथ ‘ऑपरेशन विजय’ में भारत की जीत की 21वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। ‘ऑपरेशन विजय’ को करगिल संघर्ष के रूप में भी जाना जाता है। 26 जुलाई, 1999 को करगिल में भारतीय सशस्त्र बलों की जीत एक मजबूत राजनीतिक, सैन्य और राजनयिक कार्यों की गाथा है।
रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर आगंतुकों की पुस्तिका में एक संदेश लिखा- “करगिल विजय दिवस के अवसर पर आज मैं भारतीय सशस्त्र बलों के उन वीर सैनिकों को अपनी श्रद्धांजलि और सलाम अदा करता हूं, जिन्होंने दुश्मनों से मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। देश हमेशा अपने वीरों के साहस, वीरता, संयम और दृढ़ संकल्प को याद रखेगा और उनके सर्वोच्च बलिदान से प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ेगा।” उन्होंने कहा कि करगिल विजय दिवस महज एक दिन नहीं है बल्कि इस देश के सैनिकों के साहस और वीरता का उत्सव है।
भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों ने भारतीय वायु सेना की मदद से दुर्गम बाधाओं, प्रतिकूल इलाकों, खराब मौसम और ऊंचाई पर मौजूद दुश्मनों पर विजय पाई थी। आज इस महत्वपूर्ण अवसर पर गौरवान्वित राष्ट्र पूरे देश में विभिन्न समारोहों के जरिए शहीदों की याद में इस जीत का जश्न मना रहा है।
इस अवसर पर रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ असैन्य और सैन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।