अवैध खनन के लिए बनाए रास्ते को ग्रामीणों ने खोदा
नरसिंहपुर। जिले में अवैध खनन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। तय लीज स्थल के अलावा बंद पड़ी खदानों व प्रतिबंधित नदी क्षेत्रों में बेरोकटोक माफिया रेत उलीचने में लगा है। बावजूद इसके खनिज विभाग व प्रशासनिक अमला कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे अब आमजन में आक्रोश बढ़ने लगा है। ऐसा ही घटनाक्रम डोभी के पास छत्तरपुर गांव का है, जहां रेत के अवैध खनन व परिवहन के लिए माफिया द्वारा बनाए गए रास्ते को ग्रामीणों ने तहस-नहस कर दिया।
घटनाक्रम शनिवार देर रात का बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार डोभी के छत्तरपुर गांव में माफिया द्वारा बाहरी लोगों को बुलाकर रेत का अवैध खनन व परिवहन कराया जा रहा था। इसकी भनक ग्रामीणों को लगने पर उन्होंने शनिवार देर रात मौके पर दबिश दी। अवैध खनन का विरोध जताकर रेत परिवहन के लिए बनाए गए अस्थाई रास्ते को जेसीबी से खुदवा दिया। इसके साथ ही रेत के अवैध खनन में संलिप्त लोगों को ताकीद किया कि आगे से वे यहां पर नजर न आएं। इस चेतावनी का असर ये रहा कि खननकर्ता यहां से नौ-दो ग्यारह हो गए। ग्रामीणों का आरोप है कि रेत के अवैध खनन की दर्जनों शिकायतों के बावजूद जिले का खनिज विभाग मूकदर्शन बना हुआ है। कार्रवाई करने के बजाय अधिकारी माफियाओं को संरक्षण दिए हुए हैं। प्रतिबंध अवधि में भी उन्होंने रेत के अवैध खनन को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। न ही उनके पास इस बात की कोई जानकारी है कि आखिर 30 जून की अवधि में जिले में कितना रेत का स्टाक था। इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी रमेश पटैल व उनके सहयोगी लगातार एक ही रट लगाए रहे कि जांच चल रही है। पता किया जा रहा है कि रेट का स्टाक कितना था, शासन को कितनी रायल्टी प्राप्त हुई। रविवार को भी इसी तरह की रट अधिकारी लगाए रहे।