भोपाल
सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु अमनि पीटीआरआई दिनेश चंद सागर (भापुसे) के द्वारा प्रदेश के समस्त जिलों के यातायात प्रमुख एवं सड़क सुरक्षा से संबंधित नोडल अधिकारियों की वर्चुअल क्लास ली गई। सभी सड़क उपयोगकर्ताओं को एक सुरक्षित सड़क नेटवर्क उपलब्ध कराना जिसमें पदयात्रियों तथा सायकिल चालकों को प्राथमिकता दी गयी हो तथा भविष्य में शून्य सड़क दुर्घटना मृत्यु का लक्ष्य प्राप्त करना। सड़क सुरक्षा को मूलभूत यातायात सेवा में अविभाज्य अंग के रूप में मान्यता देना। विजन शून्य प्राप्ति के लिये मध्यप्रदेश का नारा है ‘‘विजन शून्यः सड़क सुरक्षा, दुर्घटना विहीन सफर के लिये’ सड़क सुरक्षा का लक्ष्य 4E के प्रमुख सूत्रों जैसेः- शिक्षा, अभियांत्रिकी, प्रवर्तन एवं आपातकालीन देखरेख (4E’S) के माध्यम से हासिल किया जाना प्रस्तावित है।
मध्यप्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा नीति, 2015 के पालनार्थ भी प्रदेश स्तर पर विजन जीरो के परिप्रेक्ष्य में सडक सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए कार्य समस्त नोडल विभागों द्वारा किया जा रहा है जिसके लिये आवश्यक है कि समस्त एजेंसियां समन्वय पूर्वक कार्य करते हुए जागरूकता को बढ़ायें। यह भी ध्यान में लाया गया कि Haddon’s Matrix सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की कुंजी है। किसी भी सड़क दुर्घटना की रोकथाम हेतु हमें ऐसे प्रयास करने चाहिये कि सड़क दुर्घटनाएँ घटित ही न हों। इसमें पुलिस ट्रांसपोर्ट, समस्त सड़क निर्माण एजेंसी, शिक्षा विभाग का अहम हिस्सा होता है एवं जब कोई सड़क दुर्घटना घटित होती है तो उस समय प्रथमतः पीड़ित को प्राथमिक उपचार दिया जाकर उसे नजदीकी ट्रॉमा केयर सेंटर में पहुँचाया जाना आवश्यक होता है ताकि गोल्डन आवर के दौरान घायल व्यक्ति को बचाया जा सके। इसके साथ ही अमनि पीटीआरआई द्वारा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा जारी सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों को प्रशिक्षणार्थियों के सामने रखा गया जिसके आधार पर भारत सड़क दुर्घटनाओं में तृतीय स्थान पर है तथा प्रथम स्थान अमेरिका (22,11,439) का है किन्तु इन सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृतक संख्या (1,50,785) में भारत प्रथम स्थान पर है क्योंकि हमारे देश में हेल्थकेयर सुविधाएं सुदृढ़ नहीं हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ऑन सेफ्टी के दिशा-निर्देशों के पालनार्थ हमारे ट्रामा केयर सेंटर को सुदृढ़ किया जाना जरूरी है।
शासकीय एवं प्राइवेट एम्बुलेंस को मैम्पड किया जाना नितांत आवश्यक है ताकि सड़क दुर्घटना में मृत्यु के आंकड़ों को कम किया जा सके। इसके साथ ही प्रशिक्षणार्थियों से सड़क दुर्घटनाओं एवं उसमें होने वाली मृतक संख्या तथा घायलों की संख्या के आंकड़ों के बारे में चर्चा की गई तथा जिन जिलों में विगत वर्ष की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृतक संख्या में वृ़द्धि हुई है जैसे- अलीराजपुर (31 प्रतिशत), इंदौर(18 प्रतिशत), राजगढ़ (18), मुरैना (15 प्रतिशत), सीहोर (11 प्रतिशत) को उक्त मृतक संख्या में कमी लाये जाने हेतु सतत प्रयास किये जाने के विस्तृत निर्देश यातायात प्रमुख एवं नोडल अधिकारियों को दिये गये। वर्चुअल क्लास के दौरान हाल ही में घटित जिला राजगढ़ की सड़क दुर्घटना, खण्डवा एवं छतरपुर में घटित सड़क दुर्घटनाओं को लेकर क्रेश इंवेस्टिगेशन किये जाने के निर्देश दिये ताकि सड़क सुरक्षा की दृष्टि में विजन शून्य के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।