नरसिंहपुर: व्यापारियों की सरकार को दो टूक-लिमिट मंजूर नहीं, किसानों की चिंता आप करो, मंगलवार तक मंडियां बंद

0

नरसिंहपुर। मूंग छोड़कर शेष दलहनी फसलों की खरीदी को लेकर स्टाक लिमिट का नियम लागू होने से नाराज जिले के अनाज व्यापारियों ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने दो टूक शब्दों में केंद्र व प्रदेश सरकार को चेता दिया कि सोमवार व मंगलवार को मंडियां पूरी तरह से बंद रहेंगी। किसी तरह की कोई खरीद नहीं होगी। इस दो टूक में ये आशय साफ झलक रहा है कि किसानों की परेशानियों की चिंता अब सरकार को करनी है।
स्टाक नियमों को लेकर व्यापारियों का कहना है कि यदि सरकार की ओर से लागू नियम में कोई संशोधन नहीं किया गया तो खरीदी बंद रखने की अवधी को कुछ दिन और बढ़ाने विचार हो सकता है। स्टाक लिमिट लागू होने के विरोध में आज नरसिंहपुर, करेली, गाडरवारा मंडी से जुड़े व्यापारी अपनी मांगों के संबंध में आवाज बुलंद करेंगे। व्यापारियों की इस हड़ताल ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। ज्ञात रहे कि कोरोनाकाल में लंबे समय तक कर्फ्यू लागू होने के कारण किसानों की उपज समय पर नहीं बिक सकी थी। जिसके कारण जैसे ही कर्फ्यू खत्म होने के बाद से ही सभी प्रमुख मंडियों में सभी जिंसों की बंपर आवक हो रही थी। लेकिन अब अनाज व्यापारियों की हड़ताल ने फिर मंडियों में होने वाले सौदाकार्य को बाधित कर दिया है। करेली, नरसिंहपुर, गाडरवारा के अनाज व्यापारी संगठनों ने केंद्र के स्टाक लिमिट लागू करने के फैसले के विरोध मंे आज सोमवार से दो दिन तक मंडी में खरीदी-सौदा न करने का एलान किया है। जिले में व्यापारी वर्ग पूरी तरह इस नियम के विरोध में लामबंद होकर अपनी ताकत दिखा रहा है।
किसानों को चिंता दाम न लुढ़कें: उधर किसान वर्ग भी चिंतित है कि यदि खरीदी का कार्य इसी तरह बाधित रहा तो उनकी उपज समय पर नहीं बिक सकेगी और एक साथ जिले के अलावा बाहरी मंडियों में सौदा ठप होने के कारण कहीं जिंसों के दाम लुढ़कना शुरू न हो जाएं। किसानों का कहना है कि मंडियों में अभी सभी प्रकार की जिसों की आवक अधिक होने की एक वजह यह भी है कि कर्फ्यू के दौरान किसान अपनी उपज नहीं बेंच सके थे। साथ ही सभी जिंसों के दाम भी कम थे। आज सभी जिंसों के दाम औसतन अच्छे है और किसानों को खाद, बीज सहित अन्य कार्यो के लिए नकदी की जरुरत ज्यादा है। जिससे किसान मंडियों में उपज बेंचकर अपनी जरुरतों की पूर्ति कर रहे हैं। यदि मंडिया ज्यादा दिन तक बंद रहेगी तो लाचार किसानों को मजबूरी में बिचौलियों को औने-पौने दामों पर उपज बेंचने मजबूर होना पड़ेगा।
कहां बेचें कमजोर क्वालिटी की मूंग: स्टाक लिमिट के नियम में मूंग को छूट दी गई है लेकिन मूंग उत्पादक किसान कह रहे है कि जब दलहन की अन्य जिंसों में स्टाक लिमिट लागू है और व्यापारी खरीदी करने में डरेंगे तो अकेली मूंग का सौदा करने कौन व्यापारी आएगा। समर्थन मूल्य के खरीदी केंद्रों पर एफएक्यू मानक की मूंग ली जा रही है। मंडियों में किसानों को राहत है कि बारिश से उपज पर जो असर हुआ है उससे कमजोर क्वालिटी के बाद भी उपज को अच्छा दाम मिल रहा है। लेकिन यदि मंडिया ज्यादा समय तक बंद रहेंगी तो न केवल मूंग को नुकसान होगा बल्कि बारिश शुरू होने से फिर किसान अपनी उपज लेकर मंडियों तक भ्ाी मुश्किल से पहुंचेगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!
Open chat