भोपाल। कोविड-19 महामारी के कारण शहरी पथ व्यवसायियों का रोजगार एवं उनकी आजीविका प्रभावित हुई है। इन्हें पुन: रोजगार से जोड़ने तथा उनकी पूरी जानकारी एक्जाई करने के उद्देश्य से शहरी असंगठित कामगार एकीकृत पोर्टल तैयार किया गया है। पंजीयन के बाद पथ व्यवसायियों की पूरी जानकारी एक क्लिक में मिल सकेगी। पंजीयन अभियान 25 जून तक चलेगा।
पोर्टल में नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा सभी पथ व्यवसायियों की जानकारी एकत्रित करने के लिए वर्ष 2012 में किये गए सर्वे को आधार मानकर हितग्राहियों का पंजीयन किया जायेगा। प्रत्येक शहरी क्षेत्र में वर्ष 2012 में दर्ज किये गए व्यवसायियों की जानकारी बढ़ अथवा घट सकती है। इसमें पुराने व्यवसायियों के नाम जो अब कार्यशील नहीं हैं, उनके नाम काटे जा सकेंगे, और नये नाम उपलब्धता के आधार पर जोड़े जायेंगे। इस तरह से वर्तमान में शहरी क्षेत्र में उपलब्ध सभी पथ व्यवसायियों की जानकारी दर्ज की जाना है।
वार्डवार दलों का गठन
प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीतेश व्यास ने संबंधित अधिकारियों को 25 जून तक पथ व्यवसायियों के पंजीयन के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। पंजीयन के लिए नगरीय निकायों में वार्डवार दल गठित किये जायेंगे। पंजीयन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के सभी कार्यालयों में अथवा एम.पी ऑनलाइन के कियोस्क में नि:शुल्क करवाया जा सकता है।
पोर्टल से लाभ
सभी पात्र हितग्राहियों की जानकारी पोर्टल में रखी जा सकेगी। पोर्टल के माध्यम से हितग्राहियों को समय पर पारदर्शिता के साथ विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा सकेगा। हितग्राहियों का पूरा डेटाबेस होने से उनके लिए बेहतर योजनाएँ बनायी जा सकेंगी। साथ ही उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की निगरानी भी की जा सकेगी।
पंजीयन प्रक्रिया
पात्र हितग्राही www.mpurban.gov.in पर आधार एवं समग्र के आई.डी. के आधार पर स्व-पंजीयन कर सकेंगे। हितग्राही का मोबाईल नम्बर, आधार नम्बर से जुड़ा होना चाहिए, जिस पर ओ.टी.पी. प्राप्त हो सके। पात्र हितग्राही द्वारा स्वयं की जानकारी का स्व-प्रमाणन भी किया जायेगा। पंजीयन के लिए आवेदन करने के बाद हितग्राही को एस.एम.एस. द्वारा कन्फर्मेशन मेसेज भेजा जायेगा। हितग्राही को एक संदर्भ नम्बर प्राप्त होगा, जिससे वह भविष्य में अपने आवेदन की अद्यतन स्थिति पता करने में उपयोग कर सकेगा।
पोर्टल से लाभ
सभी पात्र हितग्राहियों की जानकारी पोर्टल में रखी जा सकेगी। पोर्टल के माध्यम से हितग्राहियों को समय पर पारदर्शिता के साथ विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा सकेगा। हितग्राहियों का पूरा डेटाबेस होने से उनके लिए बेहतर योजनाएँ बनायी जा सकेंगी। साथ ही उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की निगरानी भी की जा सकेगी।