किसी से मदद ली नहीं, दोस्तों संग डेढ़ लाख का चंदा कर 2 हजार गरीबों तक पहुँचाया अनाज
लॉक डाउन की अवधि में नरसिंहपुर हेल्प डेस्क की निस्वार्थ सेवा गतिविधि जारी
नरसिंहपुर। कोरोना संक्रमण के चलते जिले में 22 मार्च से लागू लॉक डाउन की अवधि में गरीबों-जरूरतमंदों के घर का चूल्हा न बुझे इसके लिए शहर व जिले में कई समाजसेवी संगठन आगे आए हैं। इनमें से एक प्रमुख संगठन नरसिंहपुर हेल्प डेस्क भी है। जिला मुख्यालय में संचालित इस डेस्क की खासियत ये है कि इसमें शामिल युवाओं ने बिना किसी की मदद लिए, अपने करीब 400 परिवारों के दो हजार सदस्यों को 15 दिन का अनाज निशुल्क वितरित किया है। ये युवा आपसी चंदे से करीब डेढ़ लाख रुपए इस समाजसेवा पर खर्च कर चुके हैं। इसके अलावा किसी को दवा पहुंचाना हो या फिर अन्य कोई जरूरत का सामान, नरसिंहपुर हेल्क डेस्क के युवा एक कॉल पर सेवा के लिए तत्पर हो जाते हैं।
- नरसिंहपुर हेल्प डेस्क में मनीष ठाकुर, राहुल ठाकुर, धर्मेंद्र कहार, राहुल नौरिया, शुभम ठाकुर, प्रशांत सेन आदि प्रमुख रूप से सहयोगी हैं। डेस्क के मनीष ठाकुर ने बताया कि समाजसेवा के इस कार्य में वे सोशल डिस्टेंटिंग का पूरा ख्याल रख रहे हैं। उनका कहना है कि लॉक डाउन के तीसरे दिन से ही यह ठान लिया था कि जरूरतमंदों को उनके घर तक अनाज, राशन के पैकेट पहुंचाएंगे। हालांकि पहले दिन हमने करीब डेढ़ सौ लोगों को बना बनाया भोजन का पैकेट बांटा था, लेकिन इसके बाद से हमने उन्हें 15 दिन के हिसाब से आटा, दाल, चावल, तेल, नमक आदि राशन का पैकेट बांटा है।
- श्री ठाकुर के अनुसार इस सेवा के लिए उन्होंने किसी से कोई मदद नहीं ली, हालांकि बहुत से लोग उन्हें प्रतिदिन फोन कर सहयोग देने की पेशकश करते हैं। इस अवधि में उन्होंने सिर्फ दो गुप्त दान ही स्वीकार किए हैं, जिसमें एक समाजसेवी ने एक क्विंटल आटा तो दूसरे व्यक्ति ने दस किलो दाल उपलब्ध कराई है। जरूरतमंदों की सेवा के अलावा नरसिंहपुर शहर के विभिन्न् पॉइंटों पर मुस्तैदी से तैनात पुलिसकर्मियों का भी ध्यान रखते हैं। डेस्क के साथी अपनी-अपनी सुविधानुसार अपने-अपने घरों से चाय आदि की व्यवस्था इन सुरक्षाकर्मियों के लिए करते हैं।